सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर भी अब बन सकेंगे प्रोफेसर
राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद के नए नियमों के अनुसार सरकारी अस्पतालों में 10 वर्ष का अनुभव रखने वाले गैर-शिक्षण विशेषज्ञों या परामर्शदाताओं को अब एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया जा सकता है, जबकि दो वर्ष का अनुभव रखने वाले अनिवार्य 'सीनियर रेजिडेंसीÓ के बिना सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्य कर सकते हैं।
एनएमसी के इस फैसले का उद्देश्य पात्र संकाय सदस्यों की संख्या बढाना है।
एनएमसी के इस फैसले का उद्देश्य पात्र संकाय सदस्यों की संख्या बढाना है।
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