राष्ट्रपति की मुहर के लिए तरस रहे राजस्थान सरकार के ये 4 बिल
-सुप्रीम कोर्ट ने 3 महीने में माँगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों के विधेयकों पर राष्ट्रपति के फैसले के लिए 3 महीने की समयसीमा तय की, लेकिन आदेश के एक महीने बाद भी सालों पहले दिल्ली भेजे गए राजस्थान के 4 विधेयक राष्ट्रपति की हरी झंडी का इंतजार कर रहे हैं। इनमें ऑनर किलिंग और मिलावटखोरों के दोषियों को आजीवन कारावास देने की मंशा से विधानसभा से पारित विधेयक भी शामिल है।ऑनर किलिंग के खिलाफ विधेयक वर्ष 2019 में विधानसभा से पारित हुआ था, जबकि मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए दंड संहिता (राजस्थान संशोधन) विधेयक वर्ष 2021 में पारित हुआ। इनके अलावा राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति को मंजूरी के लिए भेजे गए दो और विधेयकों को भी केंद्र सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों के विधेयकों पर राष्ट्रपति के फैसले के लिए 3 महीने की समयसीमा तय की, लेकिन आदेश के एक महीने बाद भी सालों पहले दिल्ली भेजे गए राजस्थान के 4 विधेयक राष्ट्रपति की हरी झंडी का इंतजार कर रहे हैं। इनमें ऑनर किलिंग और मिलावटखोरों के दोषियों को आजीवन कारावास देने की मंशा से विधानसभा से पारित विधेयक भी शामिल है।ऑनर किलिंग के खिलाफ विधेयक वर्ष 2019 में विधानसभा से पारित हुआ था, जबकि मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए दंड संहिता (राजस्थान संशोधन) विधेयक वर्ष 2021 में पारित हुआ। इनके अलावा राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति को मंजूरी के लिए भेजे गए दो और विधेयकों को भी केंद्र सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
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