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धानमण्डी तो खुली पर कफ्र्यू क्षेत्र के व्यापारियों को राहत नहीं

-बैंक भी बंद, प्रशासन पर भेदभाव का आरोप
हनुमानगढ़। टाउन के कफ्र्यूग्रस्त क्षेत्र में कफ्र्यूमुक्त घोषित की गई अनाज मण्डी में उन व्यापारियों को पास जारी नहीं किया जा रहा, जिनका घर कफ्र्यू क्षेत्र में है। प्रशासन के इस संबंध में जारी आदेश पर वरिष्ठ व्यापारी नेता व फूडग्रेन मर्चेन्टस एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सुशील मित्तल ने कड़ा ऐतराज जताया है ।
मित्तल ने कहा कि जब अनाज मण्डी में व्यापारियों को ही आने की इजाजत नहीं है, तो फिर मण्डी खोलने का क्या औचित्य है? उन्होंने कहा कि टाउन में अधिकतर व्यापारी व मजदूर कफ्र्यू क्षेत्र के निवासी हैं। उन्हें मण्डी में आने की इजाजत नहीं देना प्रशासन की भेदभाव पूर्ण नीति है। इस प्रकार तो अनाज मण्डी में ही रिहायश करने वाले कुछेक व्यापारियों को ही  प्रशासन ने नियमों में छूट दी है जो कि कि किसी प्रकार से भी न्यायसंगत नहीं है।
उन्होंने कुछेक व्यापारियों के मनमाने ढंग से खरीद करने की बात कहते हुए किसानों के साथ भी ज्यादती की आशंका जताई। वहीं उन्होंने कहा कि प्रशासन ने कफ्र्यू क्षेत्र के बैंक भी बंद करवा दिये गये हैं और कफ्र्यू क्षेत्र में घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं  मिलने के चलते बैंक से नकदी नहीं निकाल सकते।
इस कारण उनके पास काम कर रहे श्रमिकों को भी वेतन देने की समस्या उत्पन्न हो गई है। उन्होंने पीड़ा जताई कि बैंकों में नगदी होने के बावजूद व्यापारी कर्मचारियों को वेतन तक नहीं दे पा रहे हैं। इससे उनके समक्ष रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है।
व्यापारी नेता सुशील मित्तल ने कहा कि एक ओर तो जहां गहलोत सरकार किसानों को बीज, खाद, आदि उपलब्ध करवाने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं कर रही है, वहीं दूसरी ओर प्रशासन खाद बीज व्यापारियों को दुकानें नहीं खोलने दे रहा। इसके अलावा कफ्र्यू क्षेत्र में स्थित व्यापारियों के गोदामों से भी माल लाने के लिए पास जारी नहीं किए जा रहे। मित्तल ने कहा कि अनाज मण्डी के 90 प्रतिशत व्यापारी व मजदूर कफ्र्यू क्षेत्र के निवासी हैं। यदि प्रशासन को महामारी फैलने की आशंका हो तो व्यापारियों व मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच कर उन्हें अनुमति दे सकता है।

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