राजस्थान समेत पांच राज्यों में पैदा हो सकता है गंभीर बिजली संकट
-टाटा पॉवर कंपनी ने दिया अल्टीमेटम
श्रीगंगानगर। राजस्थान सहित पांच राज्यों में 10 दिन बाद गंभीर बिजली संकट पैदा हो सकता है। यह स्थिति टाटा पॉवर कंपनी की ओर से बिजली सप्लाई बंद करने का अल्टीमेटम देने के कारण पैदा हुई है। कंपनी बिजली दरों में 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की मांग कर रही है। कंपनी ने ऐसा न करने पर 10 दिन के बाद बिजली सप्लाई बंद करने की बात कही है।
ऐसे में पंजाब को मुंद्रा स्थित 4000 मेगावॉट के पावर प्लांट से 10 दिन और बिजली मिलेगी। टाटा पॉवर के इस प्रोजेक्ट से मिलने वाली बिजली का रेट पचास पैसे प्रति यूनिट बढ़ाने की मांग की है। कंपनी ने पंजाब, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र से कहा था कि प्लांट घाटे में चल रहा है। यदि रेट पचास पैसे प्रति यूनिट नहीं बढ़ाया गया तो वह प्लांट बंद कर देगी और 11 मार्च से बिजली नहीं मिलेगी। अब कंपनी इस अवधि को 10 दिन और बढ़ाने पर सहमत हो गई है।
इस मुद्दे पर केंद्रीय बिजली सचिव ने पांच राज्यों पंजाब, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र के बिजली सचिव की मीटिंग बुलाई। इसमें टाटा पावर की ओर से बिजली खरीद समझौते में संशोधन करके रेट बढ़ाने पर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ। कंपनी चाहती है कि इसमें बदलाव किया जाए और इसके लिए उसने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी हवाला दिया है। केंद्रीय बिजली सचिव की ओर से 10 दिनों बाद एक और बैठक बुलाने का भरोसा देने के बाद कंपनी ने कहा कि राज्यों को दिए गए नोटिस बरकरार रहेंगे, लेकिन वह प्लांट 20 मार्च तक बंद नहीं करेंगे।
गौरतलब है कि टाटा पावर की इस कंपनी ने कहा है कि विदेशी कोयला आयात करने के चलते बिजली पैदा करना महंगा पड़ रहा है। इसलिए पचास पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से रेट बढ़ाया जाए। यह पत्र उसने दिसंबर 2018 में ही लिख दिया था।
इस पावर प्लांट से राजस्थान को बिजली मिलती है और यदि सरकार कंपनी की मांग पर सहमति जता देती है तो उसे करोड़ों रुपये सालाना अतिरिक्त देने होंगे।
श्रीगंगानगर। राजस्थान सहित पांच राज्यों में 10 दिन बाद गंभीर बिजली संकट पैदा हो सकता है। यह स्थिति टाटा पॉवर कंपनी की ओर से बिजली सप्लाई बंद करने का अल्टीमेटम देने के कारण पैदा हुई है। कंपनी बिजली दरों में 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की मांग कर रही है। कंपनी ने ऐसा न करने पर 10 दिन के बाद बिजली सप्लाई बंद करने की बात कही है।
ऐसे में पंजाब को मुंद्रा स्थित 4000 मेगावॉट के पावर प्लांट से 10 दिन और बिजली मिलेगी। टाटा पॉवर के इस प्रोजेक्ट से मिलने वाली बिजली का रेट पचास पैसे प्रति यूनिट बढ़ाने की मांग की है। कंपनी ने पंजाब, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र से कहा था कि प्लांट घाटे में चल रहा है। यदि रेट पचास पैसे प्रति यूनिट नहीं बढ़ाया गया तो वह प्लांट बंद कर देगी और 11 मार्च से बिजली नहीं मिलेगी। अब कंपनी इस अवधि को 10 दिन और बढ़ाने पर सहमत हो गई है।
इस मुद्दे पर केंद्रीय बिजली सचिव ने पांच राज्यों पंजाब, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र के बिजली सचिव की मीटिंग बुलाई। इसमें टाटा पावर की ओर से बिजली खरीद समझौते में संशोधन करके रेट बढ़ाने पर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ। कंपनी चाहती है कि इसमें बदलाव किया जाए और इसके लिए उसने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी हवाला दिया है। केंद्रीय बिजली सचिव की ओर से 10 दिनों बाद एक और बैठक बुलाने का भरोसा देने के बाद कंपनी ने कहा कि राज्यों को दिए गए नोटिस बरकरार रहेंगे, लेकिन वह प्लांट 20 मार्च तक बंद नहीं करेंगे।
गौरतलब है कि टाटा पावर की इस कंपनी ने कहा है कि विदेशी कोयला आयात करने के चलते बिजली पैदा करना महंगा पड़ रहा है। इसलिए पचास पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से रेट बढ़ाया जाए। यह पत्र उसने दिसंबर 2018 में ही लिख दिया था।
इस पावर प्लांट से राजस्थान को बिजली मिलती है और यदि सरकार कंपनी की मांग पर सहमति जता देती है तो उसे करोड़ों रुपये सालाना अतिरिक्त देने होंगे।
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