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अब सरकारी स्कूलों मेंं पांचवीं कक्षा के बच्चे भी सीखेंगे कम्प्यूटर

-स्वपोषित क्लिक योजना में सरकार ने किए कई बदलाव
श्रीगंगानगर। अब सरकारी स्कूलों के पांचवीं कक्षा में पढऩे वाले बच्चे भी कम्प्यूटर सीखेंगे। सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों में कम्प्यूटर के सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक ज्ञान को मजबूत करने के लिए राज्य के चयनित स्कूलों में राजस्थान नॉलेज कॉरर्पोरेशन लिमिटेड (आरकेसीएल) के साथ अनुबंध करके लागू की गई स्वपोषित क्लिक योजना में सरकार ने अब बड़े बदलाव किए हैं। इसी के तहत पांचवीं कक्षा के बच्चों को कम्प्यूटर सिखाना तय किया गया है।
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक ने इस संबंध में प्रदेश के सभी मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला परियोजना समन्वयक, समग्र शिक्षा अभियान को पूर्व तैयारियों, मॉनीटरिंग एवं सहयोग को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों के लिए कम्प्यूटर विषय का शिक्षण कार्य स्कूल स्तर पर करवाए जाने के लिए इस योजना को सत्र 2017-18 में शुरू किया गया था। योजना में कक्षा 6 से 10 तक के न्यूनतम 200 विद्यार्थियों को लाभान्वित करना है।
इसके लिए स्कूलों को राजस्थान नॉलेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (आरकेसीएल) के साथ एमओयू करके कक्षा 6 से 8 तक के लिए 50 घंटे एवं कक्षा 9 व 10 के लिए 72 घंटे का सत्र भर प्रशिक्षण करवाने का प्रावधान है। योजना के अंतर्गत कम्प्यूटर की पढ़ाई करने के लिए बच्चों को स्वयं एसडीएमसी के जरिए प्रशिक्षण देने वाली संस्था को भुगतान करना होता है।
योजना में जहां पहले 200 विद्यार्थियों के लिए कक्षा 6 से 10 तक का प्रावधान था वहीं अब इसमें 200 की संख्या को पूरा करने के लिए कक्षा 5 को भी जोड़ा जा सकता है। दिशा-निर्देशों में यह साफ किया गया है कि योजनांतर्गत सत्र 2018-19, 2019-20 के बकाया भुगतान के साथ आगामी भुगतान एमओयू किए गए आरकेसीएल के अधिकृत आईटी ज्ञान केन्द्र को ही किया जाएगा। साथ ही विद्यार्थियों से एकत्रित की गई फीस का चेक के जरिए फर्म को भुगतान करना होगा। योजनांतर्गत विद्यार्थी हित में क्लिक योजना की क्रियान्विति के लिए एमओयू में अंकित शर्तों की पालना के लिए दोनों पक्ष पाबंद रहेंगे। साथ ही किसी भी स्थिति में दोनों पक्षों की सहमति और राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की लिखित अनुमति के बिना एमओयू निरस्त नहीं हो सकेगा।

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