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होली पर 499 साल बाद शुभ संयोग, मकर में शनि और धनु में गुरु

श्रीगंगानगर। इस बार होली का त्योहार एक विशेष शुभ संयोग में मनाया जाएगा। यह संयोग 499 सालों के बाद बन रहा है। नौ मार्च को होलिका दहन होगा और 10 मार्च को रंगों से होली खेली जाएगी।
पंडितों के अनुसार होली पर इस वर्ष जो विशेष संयोग बन रहा है, उसके अनुसार इस बार गुरु और शनि के विशेष संयोग में होली खेली जाएगी। नौ मार्च को गुरु अपनी धनु राशि और शनि भी अपनी ही राशि मकर में रहेगा, इससे पहले इन दोनों ग्रहों का ऐसा योग 3 मार्च 1521 को बना था।
होलिका दहन के समय इस वर्ष भद्राकाल की बाधा नहीं रहेगी। फाल्गुन माह की पूर्णिमा यानी होलिका दहन के दिन भद्राकाल सुबह शुरू होकर दोपहर में खत्म हो जाएगा। शाम को प्रदोष काल में 7.15 होलिका दहन किया जा सकेगा।
विभिन्न ग्रहों के योग में होली और भी शुभ फलदायी
पंडित सत्यपाल पाराशर ने बताया कि नौ मार्च सोमवार को पूर्णिमा तिथि होने के कारण चंद्रमा का प्रभाव अधिक रहेगा। सोमवार को चंद्रमा का दिन माना गया है। होली पर स्वराशि स्थित गुरु की दृष्टि चंद्रमा पर रहेगी, जिससे गजकेसरी योग का प्रभाव रहेगा। तिथि-नक्षत्र और ग्रहों की विशेष स्थिति में होलिका दहन पर रोग, शोक और दोष का नाश होगा, शत्रुओं पर विजय भी मिलेगी। होली पर शुक्र मेष राशि, मंगल और केतु धनु, राहु मिथुन, सूर्य और बुध कुंभ और चंद्र सिंह राशि में रहेगा। ग्रहों के इन योगों में होली आने से यह और भी शुभ फल देने वाली रहेगी। देश में अमन चैन रहेगा। व्यापार के लिए भी यह योग हितकारी रहेगा।


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