दो हेक्टेयर से अधिक जमीन पर खराबे का नहीं मिलेगा मुआवजा
- टिड्डी दल से प्रभावित किसानों को शीघ्र मिलेगा मुआवजा
श्रीगंगानगर। जिले में टिड्डी दल से फसल खराबे का मुआवजा किसानों को दो हेक्टेयर से अधिक जमीन पर नहीं मिलेगा। इस बारे में राज्य सरकार ने नियम तय कर रखे हैं। टिड्डी दल से खराब फसल का सर्वे विशेष गिरदावरी के तहत हो चुका है। इन किसानों को मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर (प्रशासन) डा. गुंजन सोनी ने बताया कि जिले के अनूपगढ़ तहसील में टिड्डी दल के हमले में 1119 हेक्टेयर फसल खराब हुई है। इस क्षेत्र में 741 किसान प्रभावित हुए हैं। इसी तरह रावला इलाके में 312 हेक्टेयर में फसल खराब हुई है। इस खराबे में 350 किसान को नुकसान हुआ है। जिला कलेक्टर शिवप्रसाद एम नकाते के आदेश पर अनूपगढ़ व रावला इलाके में विशेष गिरदावरी करके फसल खराबे का आकंलन किया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रभावित किसानों को मुआवजा दिलाने के लिए सहायता विभाग के डीएमआईएस पोर्टल को खोल दिया गया है। एसडीओ, तहसीलदार व पटवारियों के माध्यम से पोर्टल पर प्रभावित किसानों की सूचनाएं दर्ज की जा रही हैं। यह कार्य पूर्ण होने के बाद मुआवजा मिलेगा।
बॉक्स
इस दर से मिलेगा प्रभावित किसानों को मुआवजा
श्रीगंगानगर। रबी फसल 2019 में टिड्डी दल से फसलों को नुकसान होने पर प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के लिए आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग ने मुआवजा की दरें निर्धारित की हैं।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर (प्रशासन) डा. गुंजन सोनी ने बताया कि लघु सीमांत व अन्य कृषकों की 33 प्रतिशत या इससे अधिक खराब फसलों पर ही मुआवजा देय होगा। अधिकतम दो हेक्टेयर जमीन पर ही मुआवजा मिलेगा। इससे अधिक जमीन पर खराबे का मुआवजा नहीं मिलेगा।
उन्होंने बताया कि असिंचित क्षेत्र में 6800 रुपए प्रति हेक्टेयर व सिंचित क्षेत्र में बिजली के कुओं, नहर से सिंचित जमीन पर 13 हजार 500 रुपए प्रति हेक्टेयर व बारहमासी फसलों हेतु 18 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा दिया जायेगा। उन किसानों को भी मुआवजा मिल सकता है, जिनका नाम राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है, लेकिन उन्होंने जमीन को हिस्से/बांटेदारी से बिजाई की है। ऐसे किसान जिन्होंने ठेके पर खेती की है, वह जमीन मालिक से पांच रुपए के स्टाम्प पेपर पर सहमति प्राप्त कर तहसील स्तर पर गठित समिति के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।
श्रीगंगानगर। जिले में टिड्डी दल से फसल खराबे का मुआवजा किसानों को दो हेक्टेयर से अधिक जमीन पर नहीं मिलेगा। इस बारे में राज्य सरकार ने नियम तय कर रखे हैं। टिड्डी दल से खराब फसल का सर्वे विशेष गिरदावरी के तहत हो चुका है। इन किसानों को मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर (प्रशासन) डा. गुंजन सोनी ने बताया कि जिले के अनूपगढ़ तहसील में टिड्डी दल के हमले में 1119 हेक्टेयर फसल खराब हुई है। इस क्षेत्र में 741 किसान प्रभावित हुए हैं। इसी तरह रावला इलाके में 312 हेक्टेयर में फसल खराब हुई है। इस खराबे में 350 किसान को नुकसान हुआ है। जिला कलेक्टर शिवप्रसाद एम नकाते के आदेश पर अनूपगढ़ व रावला इलाके में विशेष गिरदावरी करके फसल खराबे का आकंलन किया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रभावित किसानों को मुआवजा दिलाने के लिए सहायता विभाग के डीएमआईएस पोर्टल को खोल दिया गया है। एसडीओ, तहसीलदार व पटवारियों के माध्यम से पोर्टल पर प्रभावित किसानों की सूचनाएं दर्ज की जा रही हैं। यह कार्य पूर्ण होने के बाद मुआवजा मिलेगा।
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इस दर से मिलेगा प्रभावित किसानों को मुआवजा
श्रीगंगानगर। रबी फसल 2019 में टिड्डी दल से फसलों को नुकसान होने पर प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के लिए आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग ने मुआवजा की दरें निर्धारित की हैं।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर (प्रशासन) डा. गुंजन सोनी ने बताया कि लघु सीमांत व अन्य कृषकों की 33 प्रतिशत या इससे अधिक खराब फसलों पर ही मुआवजा देय होगा। अधिकतम दो हेक्टेयर जमीन पर ही मुआवजा मिलेगा। इससे अधिक जमीन पर खराबे का मुआवजा नहीं मिलेगा।
उन्होंने बताया कि असिंचित क्षेत्र में 6800 रुपए प्रति हेक्टेयर व सिंचित क्षेत्र में बिजली के कुओं, नहर से सिंचित जमीन पर 13 हजार 500 रुपए प्रति हेक्टेयर व बारहमासी फसलों हेतु 18 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा दिया जायेगा। उन किसानों को भी मुआवजा मिल सकता है, जिनका नाम राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है, लेकिन उन्होंने जमीन को हिस्से/बांटेदारी से बिजाई की है। ऐसे किसान जिन्होंने ठेके पर खेती की है, वह जमीन मालिक से पांच रुपए के स्टाम्प पेपर पर सहमति प्राप्त कर तहसील स्तर पर गठित समिति के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।
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