हार्डकोर बदमाशों पर लटकी तलवार, खाकी वाले करेंगे प्रोपर्टी अटैच
-पुलिस महानिदेशक ने किया परफॉर्मेंस मीजरमेंट समरी (पीएमएस) रिपोर्ट में परिवर्तन
-प्रत्येक प्रोपर्टी अटैच पर मिलेगा 2.5 अंक का तोहफा
श्रीगंगानगर। खाकी वर्दी वाले अब नंबरों के फेर में मशक्त करते नजर आएंगे। अब उन्हें अपनी कार्य कुशलता साबित करने के लिए नंबर पाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। इसकी वजह है कि पुलिस महानिदेशक ने पुलिस थानों के जरिए जिलों के कामों का मूल्यांकन करने के लिए हर महीने तैयार की जाने वाली परफॉर्मेंस मीजरमेंट समरी (पीएमएस) रिपोर्ट में परिवर्तन कर दिया है। इसके तहत हार्डकोर अपराधियों की सम्पत्ति अटैच करने पर 2.5 अंक का तोहफा दिया जाएगा। इससे पुलिस कर्मियों का इस काम में जुटना तय माना जा रहा है।
अब सीआरपीसी की धारा 151 और आईपीसी की धारा 3/25 में गिरफ्तारी करने पर मिलने वाले नंबर थानों को नहीं मिलेंगे। पहले इन दोनों धाराओं में गिरफ्तारी के बाद संबंधित पुलिस थाने को दोनों में अलग-अलग आधा-आधा यानी एक मामला होने पर पूरा एक नंबर मिलता था। इसके विपरीत अब प्रत्येक थाना पुलिस को हार्डकोर बदमाशों की प्रॉपर्टी अटैच करने पर 2.5 अंक का तोहफा भी मिलेगा। ये अंक हर प्रॉपर्टी अटैचमेंट पर मिलेंगे।
अपराधों की स्थिति व पुलिस की कार्यप्रणाली का आंकलन करने के लिए 2015 में मार्किंग सिस्टम लागू किया था। इसमें वारदातों का खुलासा करने और लंबित प्रकरण निस्तारण मामले में थानावार, जिलेवार परफॉर्मेंस मेजरमेंट समरी रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। पुलिस थानों, सर्किल व जिलों के कार्य का मूल्यांकन डीजीपी के निर्देशन में गठित कमेटी करती है। कमेटी 18 बिन्दुओं पर जिलों, सर्किलों व थानों को नंबर देती है।
पुलिस विभाग में इमरजेंसी क्विक रिस्पोंस सिस्टम लागू किया जा रहा है। इसमें घटना की सूचना के बाद अधिकतम 15 मिनट में पुलिस दल को मौके पर पहुंचना होगा। पुलिस मुख्यालय का मानना है कि कोई वारदात होने पर पुलिस का मौके पर समय पर नहीं पहुंंचना पीडि़त को राहत पहुंचाने में देरी के साथ ही पुलिस की छवि को भी प्रभावित करता है। वेसे पुलिस फोकस किसी घटना की सूचना मिलने पर जल्दी से जल्दी मौके पर पहुंचने का रहता है। लेकिन डीजीपी के निर्देश पर इसमें सुधार के लिए इमरजेंसी क्विक रिस्पांस सिस्टम लागू करने की कवायद शुरू हुई है। इसके मद्देनजर निर्देश दिए जा रहे हैं कि जिले में भी पुलिस को किसी भी घटना की सूचना पर 15 मिनट से भी कम समय लगे। पीएमएस में किए बदलाव के अनुसार थानों की रैंकिंग की जा रही है।
हादसे बढ़े तो कटेंगे एसएचओ के नंबर
डीजीपी ने सड़क सुरक्षा को फोकस करते हुए थाना इलाके में सड़क हादसे रोकने की जिम्मेदारी भी थानाधिकारी को दी है। थाने में पिछले महीने की तुलना में दूसरे महीने हादसों का ग्राफ 90 से 150 फीसदी तक बढ़ा तो दो नंबर से लेकर 20 नंबर तक कट जाएंगे। अगर हादसों में 50 फीसदी कमी आई तो उस थाने के खाते में 20 अंकों का इजाफा भी होगा। पहले पीएमएस में इस मद में सिर्फ 5 अंकों की घटत-बढ़त होती थी।
-प्रत्येक प्रोपर्टी अटैच पर मिलेगा 2.5 अंक का तोहफा
श्रीगंगानगर। खाकी वर्दी वाले अब नंबरों के फेर में मशक्त करते नजर आएंगे। अब उन्हें अपनी कार्य कुशलता साबित करने के लिए नंबर पाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। इसकी वजह है कि पुलिस महानिदेशक ने पुलिस थानों के जरिए जिलों के कामों का मूल्यांकन करने के लिए हर महीने तैयार की जाने वाली परफॉर्मेंस मीजरमेंट समरी (पीएमएस) रिपोर्ट में परिवर्तन कर दिया है। इसके तहत हार्डकोर अपराधियों की सम्पत्ति अटैच करने पर 2.5 अंक का तोहफा दिया जाएगा। इससे पुलिस कर्मियों का इस काम में जुटना तय माना जा रहा है।
अब सीआरपीसी की धारा 151 और आईपीसी की धारा 3/25 में गिरफ्तारी करने पर मिलने वाले नंबर थानों को नहीं मिलेंगे। पहले इन दोनों धाराओं में गिरफ्तारी के बाद संबंधित पुलिस थाने को दोनों में अलग-अलग आधा-आधा यानी एक मामला होने पर पूरा एक नंबर मिलता था। इसके विपरीत अब प्रत्येक थाना पुलिस को हार्डकोर बदमाशों की प्रॉपर्टी अटैच करने पर 2.5 अंक का तोहफा भी मिलेगा। ये अंक हर प्रॉपर्टी अटैचमेंट पर मिलेंगे।
अपराधों की स्थिति व पुलिस की कार्यप्रणाली का आंकलन करने के लिए 2015 में मार्किंग सिस्टम लागू किया था। इसमें वारदातों का खुलासा करने और लंबित प्रकरण निस्तारण मामले में थानावार, जिलेवार परफॉर्मेंस मेजरमेंट समरी रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। पुलिस थानों, सर्किल व जिलों के कार्य का मूल्यांकन डीजीपी के निर्देशन में गठित कमेटी करती है। कमेटी 18 बिन्दुओं पर जिलों, सर्किलों व थानों को नंबर देती है।
पुलिस विभाग में इमरजेंसी क्विक रिस्पोंस सिस्टम लागू किया जा रहा है। इसमें घटना की सूचना के बाद अधिकतम 15 मिनट में पुलिस दल को मौके पर पहुंचना होगा। पुलिस मुख्यालय का मानना है कि कोई वारदात होने पर पुलिस का मौके पर समय पर नहीं पहुंंचना पीडि़त को राहत पहुंचाने में देरी के साथ ही पुलिस की छवि को भी प्रभावित करता है। वेसे पुलिस फोकस किसी घटना की सूचना मिलने पर जल्दी से जल्दी मौके पर पहुंचने का रहता है। लेकिन डीजीपी के निर्देश पर इसमें सुधार के लिए इमरजेंसी क्विक रिस्पांस सिस्टम लागू करने की कवायद शुरू हुई है। इसके मद्देनजर निर्देश दिए जा रहे हैं कि जिले में भी पुलिस को किसी भी घटना की सूचना पर 15 मिनट से भी कम समय लगे। पीएमएस में किए बदलाव के अनुसार थानों की रैंकिंग की जा रही है।
हादसे बढ़े तो कटेंगे एसएचओ के नंबर
डीजीपी ने सड़क सुरक्षा को फोकस करते हुए थाना इलाके में सड़क हादसे रोकने की जिम्मेदारी भी थानाधिकारी को दी है। थाने में पिछले महीने की तुलना में दूसरे महीने हादसों का ग्राफ 90 से 150 फीसदी तक बढ़ा तो दो नंबर से लेकर 20 नंबर तक कट जाएंगे। अगर हादसों में 50 फीसदी कमी आई तो उस थाने के खाते में 20 अंकों का इजाफा भी होगा। पहले पीएमएस में इस मद में सिर्फ 5 अंकों की घटत-बढ़त होती थी।
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