नगर विकास न्यास ने मांगा मार्गदर्शन
- अपंजीकृत कॉलोनियों के नियमन व पट्टे जारी करने का मामला
श्रीगंगानगर (एसबीटी)। कृषि भूमि पर बसी अपंजीकृत कॉलोनियों में भूखण्डों के नियमन व पट्टे जारी करने संबंधी राज्य सरकार के आदेशों की पालना से पहले नगर विकास न्यास ने नगरीय विकास एवं आवासन विभाग से मार्गदर्शन मांगा है।
विभाग ने राज्य सरकार के निर्णय के बाद हाल ही में 11 फरवरी को एक आदेश जारी करते हुए 31 दिसंबर 2018 तक कृषि भूमि पर बसी पंजीकृत व अपंजीकृत कॉलोनियों के भूखंडों का नियमन और पट्टे जारी करने के आदेश जारी किए हैं। लेकिन नगर विकास न्यास प्रशासन को इन आदेशों की अक्षरश: पालना में परेशानी आ रही है। ऐसे में सरकार से मार्गदर्शन मांगा गया है।
न्यास सचिव हरितिमा ने बताया कि 11 फरवरी के आदेश की पालना में पट्टों के लिए पूर्व में लम्बित प्रकरणों पर कार्रवाई की जा रही है। नए आवेदनों पर भी विचार किया जा रहा है। साथ कुछ बातों को लेकर सरकार से मार्गदर्शन भी मांगा गया है। उन्होंने बताया कि आदेश के तहत एक शर्त यह भी रखी गई है कि एक लाख से अधिक आबादी के शहरों का जोनल प्लान तैयार होना चाहिए। यह आदेश बड़े शहरों के संबंध में हो सकता है। इसके अलावा हालिया आदेश में निर्मित भूखण्डों के नियमन के लिए स्पष्ट उल्लेख नहीं है। इसलिए इस सम्बन्ध में राज्य सरकार से मार्गदर्शन प्राप्त करने अथवा पूर्व में जारी आदेशों के अनुसार भूखण्ड पर हुए निर्माण की स्वीकृति / नियमितिकरण की पुष्टि नहीं होती है, की शर्त अंकित करते हुए भूखण्डों के नियमन किये जाने की कार्यवाही प्रस्तावित है।
उन्होंने बताया कि पूर्व में न्यास की बैठक 3 जून 2011 के निर्णयानुसार राशि वसूल कर नामान्तरण किये जा रहे थे। अत: वर्तमान में न्यास हित में भवन विनियम-2000 में देय अधिकत ऊंचाई के अन्तर्गत यदि किसी भूखण्डधारी के बिना स्वीकृति के निर्माण कर लिया जाता है तो आवासीय भूखण्ड पर निर्माण शास्ति 125 रुपए प्रति वर्ग मीटर प्रत्येक मंजिल की दर से एवं वाणिज्यिक भूखण्ड पर आवासीय की 4 गुना 500 रुपए प्रति वर्गमीटर तथा न्यूनतम 10,000 रुपये ली जानी प्रस्तावित है। इसका अनुमोदन न्यास की आगमी बैठक में किया जाएगा। न्यास सचिव ने बताया कि आगामी दस मार्च को जयपुर में होने वाली बैठक में उच्च न्यायालय में दायर याचिकाओं संबंधी सहित इन सभी बिन्दुओं पर चर्चा कर उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन लिया जाएगा।
श्रीगंगानगर (एसबीटी)। कृषि भूमि पर बसी अपंजीकृत कॉलोनियों में भूखण्डों के नियमन व पट्टे जारी करने संबंधी राज्य सरकार के आदेशों की पालना से पहले नगर विकास न्यास ने नगरीय विकास एवं आवासन विभाग से मार्गदर्शन मांगा है।
विभाग ने राज्य सरकार के निर्णय के बाद हाल ही में 11 फरवरी को एक आदेश जारी करते हुए 31 दिसंबर 2018 तक कृषि भूमि पर बसी पंजीकृत व अपंजीकृत कॉलोनियों के भूखंडों का नियमन और पट्टे जारी करने के आदेश जारी किए हैं। लेकिन नगर विकास न्यास प्रशासन को इन आदेशों की अक्षरश: पालना में परेशानी आ रही है। ऐसे में सरकार से मार्गदर्शन मांगा गया है।
न्यास सचिव हरितिमा ने बताया कि 11 फरवरी के आदेश की पालना में पट्टों के लिए पूर्व में लम्बित प्रकरणों पर कार्रवाई की जा रही है। नए आवेदनों पर भी विचार किया जा रहा है। साथ कुछ बातों को लेकर सरकार से मार्गदर्शन भी मांगा गया है। उन्होंने बताया कि आदेश के तहत एक शर्त यह भी रखी गई है कि एक लाख से अधिक आबादी के शहरों का जोनल प्लान तैयार होना चाहिए। यह आदेश बड़े शहरों के संबंध में हो सकता है। इसके अलावा हालिया आदेश में निर्मित भूखण्डों के नियमन के लिए स्पष्ट उल्लेख नहीं है। इसलिए इस सम्बन्ध में राज्य सरकार से मार्गदर्शन प्राप्त करने अथवा पूर्व में जारी आदेशों के अनुसार भूखण्ड पर हुए निर्माण की स्वीकृति / नियमितिकरण की पुष्टि नहीं होती है, की शर्त अंकित करते हुए भूखण्डों के नियमन किये जाने की कार्यवाही प्रस्तावित है।
उन्होंने बताया कि पूर्व में न्यास की बैठक 3 जून 2011 के निर्णयानुसार राशि वसूल कर नामान्तरण किये जा रहे थे। अत: वर्तमान में न्यास हित में भवन विनियम-2000 में देय अधिकत ऊंचाई के अन्तर्गत यदि किसी भूखण्डधारी के बिना स्वीकृति के निर्माण कर लिया जाता है तो आवासीय भूखण्ड पर निर्माण शास्ति 125 रुपए प्रति वर्ग मीटर प्रत्येक मंजिल की दर से एवं वाणिज्यिक भूखण्ड पर आवासीय की 4 गुना 500 रुपए प्रति वर्गमीटर तथा न्यूनतम 10,000 रुपये ली जानी प्रस्तावित है। इसका अनुमोदन न्यास की आगमी बैठक में किया जाएगा। न्यास सचिव ने बताया कि आगामी दस मार्च को जयपुर में होने वाली बैठक में उच्च न्यायालय में दायर याचिकाओं संबंधी सहित इन सभी बिन्दुओं पर चर्चा कर उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन लिया जाएगा।
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