हर रोज बिकती थी लाखों की अवैध लकड़ी, अफसरों को भनक तक नहीं
श्रीगंगानगर। अवैध लक्कड़ मंडी लम्बे समय से चल रही थी, लेकिन अफसरों को इसकी भनक तक नहीं। तहसीलदार ने बताया कि सूचना मिलते ही उन्होंने पूरी टीम के साथ दबिश दी है। यहां लकडिय़ों की खरीद फरोख्त करवाने वालों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
संजय अग्रवाल ने खुद माना कि यहां पहले अवैध रूप से काफी लकडिय़ा आती थी, लेकिन आज बहुत कम लकडिय़ा मिलने पर वह खुद हैरान है। उन्होंने कहाकि अगर यहां दुबारा से अवैध लक्कड़ मंडी संचालित होती है, तो कोई भी व्यक्ति उन्हें सूचना दे सकता है। वह प्रभावी कार्रवाई करेंगे।
जानकारों का मानना है कि मंडी में प्रतिदिन लाखों रुपए की लक्कड़ी यहां लाई जाती है। इन पेड़ों को अवैध रूप से काट कर चोरी छिपे यहां लाया जाता है। बड़े पैमान पर मंडी शुल्क भी चोरी होता है।
संजय अग्रवाल ने खुद माना कि यहां पहले अवैध रूप से काफी लकडिय़ा आती थी, लेकिन आज बहुत कम लकडिय़ा मिलने पर वह खुद हैरान है। उन्होंने कहाकि अगर यहां दुबारा से अवैध लक्कड़ मंडी संचालित होती है, तो कोई भी व्यक्ति उन्हें सूचना दे सकता है। वह प्रभावी कार्रवाई करेंगे।
जानकारों का मानना है कि मंडी में प्रतिदिन लाखों रुपए की लक्कड़ी यहां लाई जाती है। इन पेड़ों को अवैध रूप से काट कर चोरी छिपे यहां लाया जाता है। बड़े पैमान पर मंडी शुल्क भी चोरी होता है।
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