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भादरा: सीवरेज निर्माण में अनियमितता, कंपनी पर 40 लाख का जुर्माना

72 लाख रुपये का अंतरिम भुगतान भी रोका
श्रीगंगानगर। स्वायत्त शासन मंत्री शान्ति कुमार धारीवाल ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि भादरा में सीवरेज के निर्माण में अनियमितता के संंबंध में कार्यवाही कर कंपनी पर 40 लाख रुपये की शास्ति अधिरोपित की गई है और काम की गुणवत्ता के आधार पर ही कंपनी का अंतरिम भुगतान किया जायेगा। कंपनी का 72 लाख रुपये का अंतरिम भुगतान भी रोक दिया गया है।
धारीवाल प्रश्नकाल में विधायकों के इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि इस कार्य के निर्माण में प्राप्त शिकायतों की एमबीएम इन्जीनियरिंग कॉलेज जोधपुर तथा राजस्थान शहरी पेयजल सीवरेज एवं आधारभूत निगम लिमिटेड (रूडसिको), जयपुर से जांच की जा चुकी है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कंपनी पर 40 लाख रुपये की शास्ति लगाई गई। इसके अतिरिक्त कंपनी का 72 लाख रुपये का अंतरिम भुगतान भी रोक रखा है।
उन्होंने कहा कि सीवरेज कार्य पूर्ण करने के लिए कई बार तिथि बढ़ाई गई है। जन विरोध के कारण भादरा क्षेत्र में सीवरेज पाइप लाइन डालने व दो एसटीपी के निर्माण कार्य में देरी हुई। क्षेत्र में पूर्व में 25 किलोमीटर की सीवरेज लाइन डाली गई थी, जिसे नई लाइन से जोड़े जाने की प्रक्रिया के कारण भी कार्य में विलम्ब हुआ।
इससे पहले विधायक बलवान पूनिया के मूूल प्रश्न के लिखित जवाब में धारीवाल ने बताया कि नगर पालिका भादरा क्षेत्र में सीवरेज पाइप लाइन डालने एवं दो एस.टी.पी. के निर्माण के लिए 19 फरवरी 2016 को कार्यादेश जारी किया गया। सीवरेज का कार्य 80 प्रतिशत व दोनों एस.टी.पी. का कार्य 95 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है, बकाया कार्य 31 मई 2020 तक होना संभावित है।
धारीवाल ने बताया कि सीवरेज का कार्य प्रारम्भ करने की दिनांक 25 फरवरी 2016 एवं कार्य पूर्ण करने की 24 अगस्त 2017 थी। कार्य विलम्ब से एवं धीमी गति से किये जाने के कारण कम्पनी के विरुद्ध 40 लाख रुपये की शास्ति अधिरोपित की गई है।

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