Breaking News

अब जिसके पास भी है ड्रोन, उसे 31 जनवरी तक कराना होगा रजिस्ट्रेशन

- ईरान के जनरल सुलेमानी की हत्या की घटना का असर
- श्रीगंगानगर जिले में फोटोग्राफरों के पास बहुतायत में हैं ड्रोन
श्रीगंगानगर। ईरान के जनरल सुलेमानी की ड्रोन के जरिए हत्या का असर विश्व में दूर-दूर तक पड़ा है। ड्रोन के आपराधिक वारदातों मेंं इस्तेमाल की आशंका से केन्द्र सरकार हरकत में आ गई है। केन्द्रीय उड्डयन मंत्रालय ने ड्रोन रखने वाले नागरिकों को 31 जनवरी तक पंजीकरण करवाने के लिए पाबंद कर दिया है। सरकार ने चेताया है कि गैर पंजीकृत ड्रोन व उनके ऑपरेटरों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी आदेश के अनुसार श्रीगंगानगर जिले में जिन लोगों के पास ड्रोन हैं, उन्हें उसका पंजीकरण करवाना होगा। जिले में पेशेवर फोटोग्राफरों के पास ड्रोन बहुतायत में हैं, जिनके जरिए वह शादी, विवाह तथा अन्य कार्यक्रमों में वीडियो शूटिंग तथा फोटोग्राफी करते हैं।
श्रीगंगानगर जिले में कुल कितने ड्रोन हैं, यह तो ठीक-ठीक किसी को भी मालूम नहीं है लेकिन फोटोग्राफरों को ड्रोन का इस्तेमाल करते हुए अक्सर देखा जाता है।
 अब सरकार ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी की अमेरिकी सेना द्वारा ड्रोन का उपयोग कर की गई हत्या के बाद सख्ती करने जा रही है।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 27 अगस्त 2018 को सीएआर जारी किया था जिसमें ड्रोन को यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर (यूआईएन) व अनमैन्ड एयरक्राफ्ट ऑपरेटर परमिट (यूएओपी) दिए जाते हैं। मंत्रालय के अनुसार बड़ी संख्या में ड्रोन और ड्रोन ऑपरेटर नागरिक उड़ान अनिवार्यताओं (सीएआर) का पालन नहीं कर रहे हैं। ऐसे में एक अवसर दिया जा रहा है कि वे अपना व अपने ड्रोन का स्वैच्छिक खुलासा 31 जनवरी तक ऑनलाइन पंजीकरण से करें। अमेरिकी मिलिट्री ड्रोन से दागी गई मिसाइलों से सुलेमानी की हत्या करने के बाद यह कदम उठाए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि तीन जनवरी को सुलेमानी के काफिले को इराक के बगदाद हवाई अड्डे के बाहर मिसाइलों से उड़ा दिया गया था।
पंजीकरण कराए जाने पर ही ड्रोन माने जाएंगे वैध
मंत्रालय ने कहा कि पंजीकरण पर ड्रोन स्वीकृति संख्या (डीएएन) व स्वामित्व स्वीकृति नंबर (ओएएन) दिए जाएंगे। यही ड्रोन व ऑपरेटर वैध माने जाएंगे। इन्हें ड्रोन उड़ाने की अनुमति नहीं माना जाए, उसके लिए डीजीसीए से अनुमति लेनी होगी। वहीं बिना नंबर ड्रोन रखने पर कानूनी कार्रवाई होगी।
आईपीसी की धारा 287, 336, 337 338 के तहत लापरवाही व मशीनों के दुरुपयोग से मानव जीवन पर संकट पैदा करने या नुकसान पहुंचाने पर छह महीने से दो साल तक जेल व जुर्माने का प्रावधान है।




No comments