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अब भूखंड और मकान बेचने के 21 दिन मेंं हो जाएगा नामांतरण

- चक्कर कटवाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
श्रीगंगानगर। अब भूखंड और मकान बेचने के बाद 21 दिन मेंं नामांतरण हो जाएगा। राज्य सरकार ने मकानों व प्लॉट बेचने के बाद नाम ट्रांसफर के नियमों में संशोधन कर दिया है। नए नियमों के अनुसार नाम ट्रांसफर के मामले में मौके, लेआउट तथा नक्शे की जांच नहीं कराई जाएगी। अब नाम ट्रांसफर की कार्यवाही के लिए आवेदक के प्रस्तुत प्रमाणपत्रों को ही आधार माना जाएगा। ऐसे मामलों को लटकाने और लोगों को चक्कर कटवाने वाले अधिकारियों तथा कर्मचारियों के खिलाफ सरकार कार्रवाई करेगी।
नगरीय विकास विभाग के संयुक्त शासन सचिव मनीष गोयल ने इस आशय के आदेश जारी कर सभी निकायों को निर्देशित किया है। आदेश के अनुसार भूखण्ड पर बकाया राशि लेकर 21 दिन में इसकी कार्यवाही पूरी की जाएगी। समय सीमा में नाम ट्रांसफर सहित अन्य काम नहीं करने वाले, आवेदक को बार-बार चक्कर लगवाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई  की जाएगी।
नए आदेश जारी होने से मकान या भूखंड का नामांतरण सरल हो गया है। अभी तक सेटबैक या लेआउट प्लान, भवन निर्माण की स्वीकृति के लिए जेईएन या अन्य अधिकारी से मौका रिपोर्ट ली जाती थी। कई प्रकार की मौका रिपोर्ट के लिए आवेदक को चक्कर लगवाए जाते थे। अब इसकी जरूरत ही नहीं रही है।
इससे पहले सरकार ने एक आदेश जारी कर नगर विकास न्यास में अब भूखण्डों की नीलामी प्रक्रिया को भी आसान कर दिया है। अभी तक न्यूनतम नीलामी बोली से थोड़ी अधिक राशि मिलने पर उसे फाइनल नहीं किया जाता था। अधिकारी मानते थे कि दुबारा बोली लगवाने पर अधिक राशि मिलेगी। इससे उस नीलामी को निरस्त कर दिया जाता था। अब न्यूनतम बोली से अधिक राशि मिलने पर उसे फाइनल कर दिया जाएगा। इसमें रुकावट होने पर पत्रावली राज्य सरकार को भेजी जाएगी। यह फैसला इन संस्थानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए लिया गया है। पहले भी नीलामी की दरों को कम करने व प्रक्रिया को सरल करने के आदेश जारी किए गए थे।

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