मोबाइल प्रदूषण जांच केंद्रों को लाइसेंस अब क्षेत्र के हिसाब से ही होंगे जारी
श्रीगंगानगर। फर्जी तरीके से वाहनों के प्रदूषण प्रमाण-पत्र जारी करने के बाद परिवहन विभाग ने प्रदूषण जांच केंद्रों पर सख्ती करना शुरू कर दिया है। विभाग ने पहले से जारी गाइडलाइन में भी बदलाव करके नई गाइडलाइन जोड़ी है।
नई गाइडलाइन के मुताबिक मोबाइल प्रदूषण जांच केंद्र को अब क्षेत्र के हिसाब से ही लाइसेंस जारी करने होंगे। वे उसी क्षेत्र में रहकर वाहनों की प्रदूषण जांच कर सकेंगे।
दायरे का बंटवारा संबंधित जिला परिवहन अधिकारी तय करेगा। दूसरे क्षेत्र में जांच करने पर लाइसेंस निलंबित हो सकेगा। वहीं मोबाइल प्रदूषण जांच केंद्र अब पेट्रोल पंप, वाहन निर्माता वर्कशाप के आसपास जांच नहीं कर सकेंगे। नगरीय क्षेत्र में यह दायरा 2 किमी और ग्रामीण क्षेत्र में 5 किमी की परिधि का रहेगा।
नई गाइडलाइन के मुताबिक मोबाइल प्रदूषण जांच केंद्र को अब क्षेत्र के हिसाब से ही लाइसेंस जारी करने होंगे। वे उसी क्षेत्र में रहकर वाहनों की प्रदूषण जांच कर सकेंगे।
दायरे का बंटवारा संबंधित जिला परिवहन अधिकारी तय करेगा। दूसरे क्षेत्र में जांच करने पर लाइसेंस निलंबित हो सकेगा। वहीं मोबाइल प्रदूषण जांच केंद्र अब पेट्रोल पंप, वाहन निर्माता वर्कशाप के आसपास जांच नहीं कर सकेंगे। नगरीय क्षेत्र में यह दायरा 2 किमी और ग्रामीण क्षेत्र में 5 किमी की परिधि का रहेगा।
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