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नए मास्टर प्लान से नफे नुकसान का हो रहा आकलन

- चर्चाओं में जानकार कर रहे समीक्षा
श्रीगंगानगर। शहर के नए मास्टर प्लान का प्रारूप जारी होने के साथ ही चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया है। इन चर्चाओं में नगर विकास न्यास की कमजोर आर्थिक स्थिति सहित अन्य विषयों पर प्रोपर्टी डीलर, कॉलोनाइजर, निवेशक व नेता सभी इसके नफे और नुक्सान के तर्क देकर अपने-अपने हिसाब से समीक्षा कर रहे हैं। कोई इसे शहर के विस्तार और विकास से जोड़ कर देख रहा है, तो कोई नए मास्टर प्लान से प्रोपर्टी बाजार को सहारा मिलने की उम्मीद लगा रहा है। जो लोग पूर्व में यूआइटी की गतिविधियों में शामिल रहे या जिन्हें यूआईटी के काम-काज की जानकारी है। ऐसे लोग भी इन चर्चाओं में शामिल हो नगर विकास न्यास की माली हालत में सुधार की उम्मीद जता रहे हैं।
नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष संजय महिपाल का कहना है कि नए मास्टर प्लान के लागू होने से जनता व यूआइटी को काफी लाभ होगा। जो लोग पूर्व में शहर के आस-पास हाउसिंग, कॉर्मिशियल या अन्य कोई प्रोजेक्ट लगाने के लिए प्रयासरत थे, ऐसे लोगों को काम के लिए नए मास्टर प्लान से रास्ता खुल जाएगा। रुके हुए काम शुरू होंगे। कई साल बाद अब नया मास्टर प्लान लागू होने के एक-डेढ़ साल में ही नगर विकास न्यास को 150-200 करोड़ रुपए की आय होने से शहर में विकास कार्य हो सकेंगे।
इसके साथ उन्होंने बताया कि जब वे यूआइटी अध्यक्ष थे, तब मुख्य नगर नियोजक को ऐसी कॉलोनियों के लैण्डयूज चेंज व लेआउट प्लान बदलने का प्रस्ताव भी भेजा गया था। इनमें अच्छी खासी आबादी भी है लेकिन उच्च न्यायालय ने लेआउट चेंज पर रोक के कारण ऐसी कॉलोनियों का नए मास्टर प्लान में भी समाधान नहीं हो पाया है। इसका लोगों को कई वर्षों से इंतजार हो रहा है। इस कारण कृषि भूमि पर बसी इन कॉलोनियों के लोगों को अब भी भूखण्डों का पट्टा नहीं मिल पाएगा। ऐसे में लैण्ड यूज चेंज होने तक यूआइटी व संबंधित कॉलोनियों को यह अतिरिक्त लाभ नहीं मिलेगा।
रिद्धि सिद्धि होम डवलपर्स के डायरेक्टर मुकेश शाह का कहना है कि नए मास्टर प्लान से सभी सेक्टर्स को फायदा होगा। पूर्व में जो पाबंदिया थी, वे अब खत्म हो जाएंगी। शहर के आस-पास सभी ऐरिया आवासीय बनने जा रहा है। नई टाउनशिप स्कीम लाने के लिए कॉलोनाइजर को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके लिए यूआइटी के जरिए लैण्डयूज चेंज करवा कर काम किया जा सकेगा। भूमि मालिकों को भूमि की अच्छी कीमत मिल सकेगी। यूआइटी क्षेत्र का विस्तार होने से भूखण्डों के पट्टे बनेंगे सरकार को राजस्व प्राप्त होगा। शहर का विकास होने से आमजन को भी फायदा होगा।
नीलकंठ महादेव डवलपर्स के दिनेश गुप्ता के अनुसार नए मास्टर प्लान के लागू होने से कॉलोनाइजरों व डवलपर्स को लाभ मिलेगा। नई कॉलोनियां बसाने का रास्ता खुल जाएगा। पूर्व में रुके काम को गति मिलेगी। भूखण्डों के पट्टे बनने से यूआइटी को इन्कम होगी। प्रोपर्टी बाजार में भी तेजी आएगी।
स्काई हाई डवलपर्स के हेमंत सिंगल का मानना है कि नए मास्टर प्लान के लागू होने से डवलपर्स को काम करने का मौका मिलेगा। कॉलोनाइजरों के लिए काम करने का एरिया बढ़ेगा। नए प्रोजेक्ट आने से प्रोपर्टी खरीददार व बिकवाल दोनों के लिए नया मास्टर प्लान अच्छा समय लाएगा।
प्रोपर्टी डीलर सुरेन्द्र शर्मा के अनुसार नया मास्टर प्लान आने से शहर के अंतिम छोर पर बसी कॉलोनियों व कृषि भूमि के रेट में सुधार होगा। इससे प्रोपर्टी बाजार चलने की उम्मीद बढ़ी है।


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