लापरवाही के कारण विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति पर संकट
- श्रीगंगानगर जिले के 286 तथा हनुमानगढ़ जिले के 47 विद्यार्थी परेशान
श्रीगंगानगर। संस्था प्रधानों की लापरवाही के चलते प्रदेश के हजारों विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति पर संकट खड़ा हो गया है। यह वे विद्यार्थी है जिनके छात्रवृत्ति आवेदनों में नाम, पता, कक्षा, पिता का नाम सहित कई प्रकार की मामूली गलतियां रह गई हैं। जिन विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति पर संकट आया है, उनमें श्रीगंगानगर जिले के 286 तथा हनुमानगढ़ जिले के 47 विद्यार्थी शामिल हैं।
इन गलतियों को ठीक करने का काम संस्था प्रधानों को करना है। लेकिन विभाग के बार बार पोर्टल खोलने के बावजूद संस्था प्रधान लापरवाह बने हुए हैं। अब शिक्षा विभाग ने एक बार फिर संस्था प्रधानों को इन गलतियों में सुधार के लिए 9 दिसंबर तक का समय दिया है। इसके बाद भी अगर गलती नहीं सुधारी गई और कोई विद्यार्थी छात्रवृत्ति से वंचित रहा तो संस्था प्रधान के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार विद्यार्थियों को जल्दी से जल्दी छात्रवृत्ति उपलब्ध कराने के लिए शिक्षा विभाग ने इस बार नया प्रयोग किया था। उसने एनआईसी के सहयोग से भामाशाह पोर्टल और शाला दर्पण पोर्टल को एकीकृत कर दिया ताकि छात्रवृत्ति के भुगतान से पहले विद्यार्थियों के भामाशाह वेरिफिकेशन में लगने वाले समय की बचत हो सके। एनआईसी ने एक ऐसा सिस्टम विकसित किया जिससे जरिए संस्था प्रधानों को स्कूल में ही छात्रवृत्ति के आवेदन हो सकें। लेकिन इस दौरान रही खामियों के चलते सब गुड़ गोबर हो गया है।
विद्यार्थियों के आवेदन गलतियों के चलते पेडिंग पड़े हैं। छात्रवृत्ति अटकने के कारण विद्यार्थियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
श्रीगंगानगर। संस्था प्रधानों की लापरवाही के चलते प्रदेश के हजारों विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति पर संकट खड़ा हो गया है। यह वे विद्यार्थी है जिनके छात्रवृत्ति आवेदनों में नाम, पता, कक्षा, पिता का नाम सहित कई प्रकार की मामूली गलतियां रह गई हैं। जिन विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति पर संकट आया है, उनमें श्रीगंगानगर जिले के 286 तथा हनुमानगढ़ जिले के 47 विद्यार्थी शामिल हैं।
इन गलतियों को ठीक करने का काम संस्था प्रधानों को करना है। लेकिन विभाग के बार बार पोर्टल खोलने के बावजूद संस्था प्रधान लापरवाह बने हुए हैं। अब शिक्षा विभाग ने एक बार फिर संस्था प्रधानों को इन गलतियों में सुधार के लिए 9 दिसंबर तक का समय दिया है। इसके बाद भी अगर गलती नहीं सुधारी गई और कोई विद्यार्थी छात्रवृत्ति से वंचित रहा तो संस्था प्रधान के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार विद्यार्थियों को जल्दी से जल्दी छात्रवृत्ति उपलब्ध कराने के लिए शिक्षा विभाग ने इस बार नया प्रयोग किया था। उसने एनआईसी के सहयोग से भामाशाह पोर्टल और शाला दर्पण पोर्टल को एकीकृत कर दिया ताकि छात्रवृत्ति के भुगतान से पहले विद्यार्थियों के भामाशाह वेरिफिकेशन में लगने वाले समय की बचत हो सके। एनआईसी ने एक ऐसा सिस्टम विकसित किया जिससे जरिए संस्था प्रधानों को स्कूल में ही छात्रवृत्ति के आवेदन हो सकें। लेकिन इस दौरान रही खामियों के चलते सब गुड़ गोबर हो गया है।
विद्यार्थियों के आवेदन गलतियों के चलते पेडिंग पड़े हैं। छात्रवृत्ति अटकने के कारण विद्यार्थियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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