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पुलिस के ये कैमरे भीड़ में भी पहचान लेंगे अपराधियों को

- संभाग में ऐसे कैमरे लगाने की शुरुआत बीकानेर से, फिर लगेंगे श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ मेंं
श्रीगंगानगर। पुलिस ऐसे कैमरे लगाने जा रही है, जो भीड़ में भी अपराधियों को पहचान लेंगे। ऐसे कैमरे लगाने की शुरुआत बीकानेर से की जा रही है। उम्मीद है कि इसके बाद श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ मेंं भी पुलिस ऐसे कैमरे लगाएगी।
 बीकानेर में अब ऐसे कैमरे लगाए जा रहे है, जो चेहरों की पहचान कर अपराधियों को जेल के पीछे पहुंचाएंगे। 'फेस डिटेक्शनÓ तकनीक के ये कैमरे वांछित अपराधियों की भीड़ में से पहचान करेंगे। इन कैमरों को ऐसे सॉफ्टवेयर सेे जोड़ा जाएगा जो वांछित की छवि वाले लोगों की पहचान कर अभय कमांड सेंटर को सूचित भी करेगा। बीकानेर संभाग में शुरुआत के तौर पर ऐसे कैमरे बीकानेर शहर में पांच प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर लगाए जा रहे हैं।
ये 'फेस डिटेक्शनÓ कैमरे सार्वजनिक स्थानों की रिकार्डिंग करते रहेंगे। सॉफ्टवेयर में जिस व्यक्ति की फोटो डाली जाएगी, वह जब भी इन कैमरों के सामने से गुजरेगा, कैमरा उसकी खुद व खुद वीडियो रिकार्डिंग करेगा और अभय कमांड सेंटर को इसकी जानकारी देगा। सेंटर इसकी सूचना सम्बंधित थाने को भेज देगा। वह व्यक्ति जितनी बार और जितने कैमरों के सामने से गुजरेगा, उन सभी के अलग-अलग वीडियो बनेंगे। इससे अपराध कर भागने वाले लोगों की शीघ्रता से पहचान की जा सकेगी और पुलिस को अपराधियों तक पहुंचने में सहायता मिलेगी। इस तकनीक को इजरायल में उपयोग में लिया जा रहा है, इसे यहां भी अपनाया गया है। 
इन कैमरों को फाइबर केबल से जोड़ा जाएगा, जिससे अन्य गतिविधियों पर भी अपेक्षाकृत ज्यादा नजर रखी जा सकेगी। लूट, डकैती, चेन स्नैचिंग, हत्या या गिरोह समेत अनेक अपराध कर भागने वालों पर लगाम लगेगी। आम तौर पर लूट या डकैती कर अपराधी शहर से बाहर भाग जाते हैं। घटना स्थल के आसपास के सामान्य कैमरों के वीडियो लेकर या फोटो लेकर सॉफ्टवेयर में डाले जाने के बाद इन 'फेस डिटेक्शनÓ कैमरों की सहायता से उनका पता लगाया जा सकेगा।


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