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प्याज के भाव बढऩे के बावजूद नहीं आई आवक में कमी

- अगले महीने तक कम हो सकते हैं भाव
श्रीगंगानगर। प्याज के बढ़े हुए दामों से उपजी परेशानी आमजन को अभी एक महीना और झेलनी होगी। प्याज की आवक जैसे-जैसे बढेगी, मौजूदा भावों में कमी आती जाएगी। राजस्थान में अभी दूसरे राज्यों से प्याज आ रहा है, इसलिए दिक्कत है।  इस बीच, हैरानीजनक है कि भाव बढऩे के बावजूद गंगानगर में प्याज की आवक में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है। औसतन आवक उतनी ही बनी हुई है।
श्रीगंगानगर फल-सब्जी मंडी समिति में इन दिनों रोजाना 400 से 500 क्विंटल प्याज की आवक हो रही है। भाव बढऩे के दौरान मंडी में होने वाली आवक में कोई बड़ा अंतर नहीं आया है। एकाध दिन दस-बीस क्विंटल की कमी अवश्य हुई है। बुधवार को थोक में भाव 60 से 70 रुपए प्रति किलो रहे। खुदरा में इसकी बिक्री 100 रुपए प्रति किलो तक हो रही है। मंडी के प्याज कारोबारियों ने बताया कि अभी मध्यप्रदेश के मंसौर और गुजरात के भावनगर से प्याज की आपूर्ति हो रही है। थोड़ी-बहुत मात्रा में अलवर से भी प्याज आ रहा है, लेकिन अलवर में भी मंसौर और भावनगर से आपूर्ति हो रही है।
कारोबारियों ने बताया कि नया प्याज आने के बावजूद भाव इसलिए कम नहीं हुए हैं क्योंकि आपूर्ति मांग के अनुरुप नहीं है। मांग के अनुरूप आपूर्ति होने पर भाव हो सकते हैं। संभावित है कि अगले सप्ताह तक मौजूदा भावों में कुछ कमी आए, लेकिन सामान्य भाव होने में कम से कम एक महीना लग सकता है। मंडी के प्याज कारोबारियों के अनुसार एक महीने के बाद सीकर से प्याज की आपूर्ति होने लगेगी। इसके बाद राज्य की मंडियों में प्याज की उपलब्धता बढ़ जाएगी और भाव कम होंगे।
इस बीच, मंगलवार को जिला प्रशासन के आदेश पर रसद विभाग की टीम ने श्रीगंगानगर फल-सब्जी मंडी समिति में निरीक्षण कर प्याज की स्टॉक सीमा जांची। मंडी में औसतन 6-7 फर्मांे द्वारा प्याज का कारोबार किया जाता है। जांच के दौरान किसी भी फर्म के पास निर्धारित से अधिक स्टॉक नहीं मिला। बुधवार को इसी के मद्देनजर कारोबारियों में चर्चा होती रही।


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