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प्रत्येक वार्ड में बनेगी कमेटी, हर वार्ड के पांच लोग होंगे सदस्य

- नगर परिषद चुनाव की मतगणना की गहमागहमी के बीच नागरिकों के काम की महत्वपूर्ण खबर
- राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले से कमेटियों के गठन का मार्ग प्रशस्त, कमेटी के सदस्यों को होगा रोजमर्रा के कामों में राय देने का अधिकार
श्रीगंगानगर। अब श्रीगंगानगर शहर के प्रत्येक वार्ड में वार्ड कमेटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी में हर वार्ड से पांच लोग सदस्य होंगे, जिन्हें वार्ड के रोजमर्रा के कामों मेंं राय देने का अधिकार होगा।
राजस्थान हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए राज्य की सभी नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पालिकाओं में राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 54 के तहत प्रत्येक वार्ड की वार्ड कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं। इस फैसले की पालना में श्रीगंगानगर नगर परिषद और जिले की उन नगर पालिकाओं मेंं वार्ड कमेटियों के गठन का मार्ग प्रशस्त हो गया है, जहां की आबादी तीन लाख या उससे अधिक है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति तथा जस्टिस महेन्द्र गोयल की खंडपीठ ने अनूप दायमा की जनहित याचिका पर यह फैसला सुनाया है।
हाई कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल मेहता ने भी वार्ड कमेटियों के गठन पर सहमति जताई।
जानिए संवैधानिक प्रावधान के बारे में
संविधान के अनुच्छेद 243-एस तथा राजस्थान नगर पालिका अधिनियम की धारा 54 मे यह प्रावधान है कि यदि किसी शहर की जनसंख्या तीन लाख या उससे अधिक हो तो वहां पर कार्यरत शहरी निकाय अर्थात नगर पालिका, नगर परिषद अथवा नगर निगम के प्रत्येक वार्ड मे वार्ड कमेटी का गठन किया जाना चाहिए। इस कमेटी में हर वार्ड से पांच लोगों को सदस्य बनाया जाएगा जो वार्ड के रोजमर्रा के कार्यों के संबंध में अपनी राय दे सकेंगे लेकिन राज्य सरकार ने किसी भी योग्य शहर में वार्ड कमेटियों का गठन नहीं किया है। इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका पेश की गई। याचिका में कहा गया कि वार्ड कमेटियों का गठन नहीं करना संविधान के प्रावधानों व नगर पालिका अधिनियम की भावना के विपरीत है। इससे नागरिकों के अधिकारों का भी उल्लंघन हो रहा है। इसलिए वार्ड में कमेटियों का गठन करवाया जाए।

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