सामने आई सांभर झील में मृत पाए गए 1000 पक्षियों के मौत की वजह
- सभी में मिले लकवे के लक्षण
जयपुर। जयपुर में सांभर झील के आस-पास लगभग 1000 प्रवासी पक्षी 12 नवंबर को मृत पाए गए थे। अब बीकानेर के एपेक्स सेंटर फॉर एनिमल डिजीज प्रोफेसर एके कटारिया ने कहा कि पक्षियों के पंखों में लकवा के लक्षण पाए गए है, हो सकता है कि इसी कारण उनकी मौत हुई हो। उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि हालांकि, ऐसा एवियन बोटुलिज़्म की वजह से भी हो सकता है।
जानकारी के लिए बता दें कि 12 नवंबर को जयपुर की सांभर झील के आसपास प्रवासी प्रजातियों सहित लगभग 1000 पक्षी मृत पाए गए थे। जिसके बाद कयास लगाया जा रहा था कि वह झील का पानी पीने के कारण मरे हैं।
सहायक वन संरक्षक, संजय कौशिक ने भी कहा था कि वह पानी की जांच करवाएंगे। इन पक्षियों में से कई मृत अवस्था में से थे। वह उपने दमपर उठ तक नहीं पा रहे थे। वन कर्मचारियों ने उन्हें झील से निकालकर किनारे लाए। वन विभाग के अधिकारी ने कहा था कि ऐसा लग रहा है कि पक्षियों के मरने की घटना करीब 10-15 दिन पुरानी है। स्थानीय लोगों का कहना था कि उन्होंने आज तक ऐसा नजारा नहीं देखा था। स्थानीय लोगों ने ये भी कहा कि यहां करीब 5 से 8 हजार पक्षियों की मौत हिई। वहीं वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अब तक करीब 1500 पक्षियों की ही मौत हुई है।
जयपुर। जयपुर में सांभर झील के आस-पास लगभग 1000 प्रवासी पक्षी 12 नवंबर को मृत पाए गए थे। अब बीकानेर के एपेक्स सेंटर फॉर एनिमल डिजीज प्रोफेसर एके कटारिया ने कहा कि पक्षियों के पंखों में लकवा के लक्षण पाए गए है, हो सकता है कि इसी कारण उनकी मौत हुई हो। उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि हालांकि, ऐसा एवियन बोटुलिज़्म की वजह से भी हो सकता है।
जानकारी के लिए बता दें कि 12 नवंबर को जयपुर की सांभर झील के आसपास प्रवासी प्रजातियों सहित लगभग 1000 पक्षी मृत पाए गए थे। जिसके बाद कयास लगाया जा रहा था कि वह झील का पानी पीने के कारण मरे हैं।
सहायक वन संरक्षक, संजय कौशिक ने भी कहा था कि वह पानी की जांच करवाएंगे। इन पक्षियों में से कई मृत अवस्था में से थे। वह उपने दमपर उठ तक नहीं पा रहे थे। वन कर्मचारियों ने उन्हें झील से निकालकर किनारे लाए। वन विभाग के अधिकारी ने कहा था कि ऐसा लग रहा है कि पक्षियों के मरने की घटना करीब 10-15 दिन पुरानी है। स्थानीय लोगों का कहना था कि उन्होंने आज तक ऐसा नजारा नहीं देखा था। स्थानीय लोगों ने ये भी कहा कि यहां करीब 5 से 8 हजार पक्षियों की मौत हिई। वहीं वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अब तक करीब 1500 पक्षियों की ही मौत हुई है।
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