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आईसीसीपीएल कम्पनी को सौंपा स्टडी करने का जिम्मा

- सात साल के लिए ठेके पर दी जाएगी शुगर मिल
श्रीगंगानगर। कमीनपुरा के पास स्थित श्रीगंगागनर शुगर मिल अब सात साल के लिए ठेके पर दी जाएगी। राज्य सरकार ने इसकी तैयारियां शुरू करवा दी हैं। इंटीग्रेटेड एस्टेक प्रा. लि. (आईसीसीपीएल) जो वर्तमान में शुगर मिल को चला रही है। इसी कम्पनी को यह भी जिम्मा दिया गया है कि वह शुगर मिल के बारे में पूरी स्टडी करके एक प्रस्ताव तैयार करें कि सात साल के लिए ठेके पर किस प्रकार से मिल को दिया जाए। इसके बाद अंतिम निर्णय राज्य सरकार लेगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार की यह मंशा है कि श्रीगंगानगर शुगर मिल को अब सात साल के लिए ठेके पर दिया जाए। हालांकि इसका गन्ना उत्पादक संगठनों ने विरोध किया है। उनका कहना है कि सरकार जिले में स्थापित एकमात्र कृषि उद्योग का निजीकरण करने जा रही है, जोकि सही नहीं है।
हर वर्ष हो रहा है 60 करोड़ रु. का नुकसान
शुगर मिल को चलाने में प्रतिवर्ष सरकार को 60 करोड़ रु  का नुकसान हो रहा है। साथ ही, इसको चलाने को लेकर कई प्रकार दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है। हर बार गन्ना उत्पादक किसानों को परेशानी झेलनी पड़ती है। इस भारी नुकसान से उभरने के लिए सरकार अब इसे ठेके पर देने जा रही है।
15 दिसम्बर से शुगर मिल के चलने की संभावना : शुगर मिल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 15 दिसम्बर से शुगर मिल को चलाया जाएगा। हालांकि गन्ना उत्पादक संगठन इसे एक नवम्बर से चलाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन वर्तमान में जो परिस्थितियां बनी हुई हैं, उस हिसाब से नहीं लगता कि शुगर मिल नवम्बर में चल पाएगी।
पिछले वर्ष से 5 लाख क्विंटल उत्पादन कम
जिले में इस बार समय पर बरसात न होना, गन्ना उत्पादक किसानों के लिए नुकसानदायक साबित हुआ है। पिछले वर्ष जहां 13 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई की गई थी, करीब 15 लाख क्विंटल गन्ने का उत्पादन हुआ वहीं इस बार यह आंकड़ा 8 से 10 लाख क्विंटल के बीच में रहने की संभावना है। वर्षा और सिंचाई पानी की कमी ने उत्पादन को घटा दिया है।


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