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पहले लॉटरी का इन्तजार फिर बिछेगी बिसात

- नगर निकाय चुनाव को लेकर दीपावली के बाद दिखाई देगा माहौल
श्रीगंगानगर। नगर निकाय प्रमुखों का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से करने के राज्य सरकार के निर्णय के बाद अब सभी को मेयर व सभापति पद के लिए आरक्षण की लॉटरी का इन्तजार है। यह इन्तजार समाप्त होने के साथ ही नगर निकाय चुनाव की बिसात बिछना शुरू हो जाएगा। दीपावली के बाद चुनावी माहौल दिखाई देने लगेगा।
चल रही चर्चाओं के अनुसार लॉटरी इसी सप्ताह के आखिर में निकाली जा सकती है। सोशल मीडिया पर बताया जा रहा है कि प्रदेश के 52 निकायों के लिए यह लॉटरी 19 अक्टूबर को निकाली जाएगी। दावा किया जा रहा है कि लॉटरी प्रक्रिया को यूडीएच मंत्री से मंजूरी मिल गई है। उसके बाद अब स्वायत शासन विभाग लॉटरी संबंधित प्रकिया पूरी करने में जुट गया है।
हालांकि स्थानीय स्तर पर ऐसी किसी सूचना से इन्कार किया जा रहा है। फिर भी सरकार के स्तर पर निर्णय को लेकर कुछ स्पष्ट भी नहीं किया जा रहा।
इससे पहले 14 अक्टूबर को हुई कैबीनेट की बैठक की भी कोई अधिकृत सूचना नहीं थी। ऐसा ही इस बार लॉटरी के लिए होने वाली बैठक के बारे में कहा जा रहा है। वैसे 19 अक्टूबर को शनिवार का अवकाश बताया जा रहा है। पूर्व सभापति जगदीशराय जांदू के अनुसार सोशल मीडिया पर चल रही सूचना को अधिकृत नहीं माना जा सकता। ऐसे में छुटटी के दिन लॉटरी की संभावना कम लग रही है। अगर शनिवार को लॉटरी नहीं निकाली जाती तो यह 21 अक्टूबर को निकाली जा सकती है।
निकाय प्रमुखों का आरक्षण तय होने के साथ ही चुनावी माहौल बनने लगेगा। तभी सही व सम्भावित उम्मीदवार सामने आएंगे। यदि लॉटरी में श्रीगंगानगर सभापति का पद सामान्य या ओबीसी से हुआ तो उम्मीदवारों की संख्या अच्छी होगी। यदि सभापति का पद एससी वर्ग के लिए आरक्षित रहा तो यह संख्या सीमित भी हो सकती।
जांदू परिवार से नहीं होगा कोई उम्मीदवार
सभापति का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से करवाए जाने के बाद इस चुनाव के लिए तैयारी कर रहे बड़े नेता अब पीछे हटने लगे हैं। उन्हे इसके लिए पार्षद का पद छोटा लगने लगा है। पूर्व सभापति जगदीश राय जांदू ने अब सभापति पद के लिए किसी भी तरह से दावेदारी से इन्कार किया है।
पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि यदि सभापति का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से जनता द्वारा करवाया जाता तो जांदू परिवार भी इसके लिए मैदान मेें उतरने की तैयारी करता। अब उनके परिवार से कोई भी सदस्य निकाय चुनाव नहीं लड़ेगा।
अप्रत्यक्ष प्रणाली से सभापति बनने और बनाने को लेकर अभी सीधे तौर पर कोई भी नेता या पार्टी अभी सक्रिय नजर नहीं आ रही। लॉटरी के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।


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