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पंप रहे बंद नहीं मिल रहा पेट्रोल-डीजल

- जिले में 35 करोड़ रुपये का नुकसान
श्रीगंगानगर। राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के आह्वान पर सरकार से वैट कम करने की मांग पर सुबह 6 बजे से गुरुवार सुबह 6 बजे तक यानी 24 घंटों के लिए पेट्रोल पंप बंद रखे गए हैं। इस हड़ताल के चलते जिले में 138  पेट्रोल पंपों पर बुधवार को 'नो सेल, नो परचेजÓ की स्थिति रही। इससे करीब 35 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इसमें डीजल से 20 तो पेट्रोल की बिक्री नहीं करने से 15 करोड़ रुपये का नुकसान बताया जा रहा है।
जिलाध्यक्ष आशुतोष गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में अन्य राज्यों के मुकाबले वैट ज्यादा होने के कारण पेट्रोल और डीजल की खपत कम हो रही है और इससे उनका नुकसान बढ़ता जा रहा है।
 गुप्ता ने बताया कि अन्य राज्यों की अपेक्षा राजस्थान में वैट की दर ज्यादा है जिससे पड़ोसी राज्य पंजाब से ही करीब दो लाख लीटर डीजल का परिवहन होता है। इसे रोकने में रसद विभाग भी नाकाम है। पंजाब में डीजल नौ रुपये व पेट्रोल 7 रुपये सस्ता है।
एसोसिएशन की मांग है कि पेट्रोल-डीजल के परिवहन को पूल अकाउंट में शामिल किया जाए, जिससे दूरी की वजह से जयपुर एवं श्रीगंगानगर जिले में साढ़े तीन रुपए प्रति लीटर का अंतर समाप्त हो सकेगा। पेट्रोल-डीजल पर 2.13 रुपए रोड सेस लगाया गया है, जो नाजायज है, जिसे हटाया जाये। श्रीगंगानगर में पेट्रोल-डीजल की दरें पड़ोसी राज्य पंजाब की तुलना में बहुत अधिक हैं। पड़ोसी राज्य पंजाब जिसकी श्रीगंगानगर से दूरी मात्र पांच किलोमीटर है।
अग्निशमन, एम्बुलेंस को मिल रहा पेट्रोल-डीजल
सुबह 6 बजे से सभी पेट्रोल पंप बंद हैंं। आमजन को पेट्रोल-डीजल नहीं दिया जा रहा है। हालांकि इस बंद से आपातकालीन वाहन जैसे अग्निशमन, एम्बुलेंस जैसे वाहनों को दूर रखा गया है। पेट्रोल-डीजल आदि को आपूर्ति की आपातकालीन सेवाओं के लिए जारी रखी गई है।


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