लापरवाह ब्यूरोक्रेट्स और प्रशासनिक मशीनरी पर शिकंजा कसेगी गहलोत सरकार
जयपुर। अशोक गहलोत सरकार ने प्रदेश के लापरवाह ब्यूरोक्रेट्स और प्रशासनिक मशीनरी पर शिंकजा कसने की तैयारी तेज की है। इसके लिए सरकार की ओर से सामाजिक जवाबदेही बिल तैयार किया गया है। बिल के लिए सरकार ने सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी रामलुभाया की अध्यक्षता में 12 सदस्यीय कमेटी बनाई है।
कमेटी राजस्थान सामाजिक जवाबदेही कानून का ड्राफ्ट डेढ़ माह में तैयार कर लेगी। ड्राफ्ट को लेकर गत दिवस सचिवालय में कमेटी की पहली बैठक हुई। बैठक के बाद रामलुभाया ने कहा कि ड्राफ्ट जल्द ही कर लिया जाएगा। इसके बाद जनता से सुझाव एंव आपत्तियां ली जाएंगी। सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे ने बताया कि बिल में पंजाब, बिहार और मेघालय के कानून के बिंदू शामिल किए जाएंगे। बैठक में इन पर मंथन किया गया है।
गहलोत सरकार ने 12 फरवरी, 2019 को बिल के ड्राफ्ट की प्रति प्रशासनिक सुधार विभाग की बेसाइट पर डाल दी थी लेकिन लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते बिल कानून नहीं बन पाया। अब सरकार नए सिरे से सामाजिक जवाबदेही कानून का ड्राफ्ट तैयार कर रही है। इसके लिए सेवानिवृत्त आईएएस रामलुभाया की अध्क्षता में गठित कमेटी की सचिवालय में पहली बैठक हुई।
12 सदस्यीय कमेटी की ओर से बिल का जो ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है, इसके दायरे में सभी विभागों को लाया जाएगा। इतना ही नहीं सभी निगम, आयोग और निकायों को भी बिल के दायरे में लाया जाएगा। जवाबदेही कानून में यह तय किया जाएगा कि किसी व्यक्ति की फाइल क्यों रोकी गई, किसी की पेंशन बंद की गई थी तो उसका आधार क्या था, किस अफसर ने फाइल बंद की?
कमेटी राजस्थान सामाजिक जवाबदेही कानून का ड्राफ्ट डेढ़ माह में तैयार कर लेगी। ड्राफ्ट को लेकर गत दिवस सचिवालय में कमेटी की पहली बैठक हुई। बैठक के बाद रामलुभाया ने कहा कि ड्राफ्ट जल्द ही कर लिया जाएगा। इसके बाद जनता से सुझाव एंव आपत्तियां ली जाएंगी। सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे ने बताया कि बिल में पंजाब, बिहार और मेघालय के कानून के बिंदू शामिल किए जाएंगे। बैठक में इन पर मंथन किया गया है।
गहलोत सरकार ने 12 फरवरी, 2019 को बिल के ड्राफ्ट की प्रति प्रशासनिक सुधार विभाग की बेसाइट पर डाल दी थी लेकिन लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते बिल कानून नहीं बन पाया। अब सरकार नए सिरे से सामाजिक जवाबदेही कानून का ड्राफ्ट तैयार कर रही है। इसके लिए सेवानिवृत्त आईएएस रामलुभाया की अध्क्षता में गठित कमेटी की सचिवालय में पहली बैठक हुई।
12 सदस्यीय कमेटी की ओर से बिल का जो ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है, इसके दायरे में सभी विभागों को लाया जाएगा। इतना ही नहीं सभी निगम, आयोग और निकायों को भी बिल के दायरे में लाया जाएगा। जवाबदेही कानून में यह तय किया जाएगा कि किसी व्यक्ति की फाइल क्यों रोकी गई, किसी की पेंशन बंद की गई थी तो उसका आधार क्या था, किस अफसर ने फाइल बंद की?
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