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आरटीजीएस एवं एनईएफटी संबंधी गाइड लाइन जारी

- हनुमानगढ़ समेत विभिन्न सहकारी बैंकों में पाई गई थीं अनियमितताएं
- एक ही स्थान पर अधिकतम तीन वर्ष तक रह सकेगा कार्मिक, अनियमितता के लिए प्रबंध निदेशक होंगे जिम्मेदार
श्रीगंगानगर। राज्य सरकार ने केन्द्रीय सहकारी बैंकों में आरटीजीएस एवं एनईएफटी के माध्यम से होने वाली अनियमितताओं पर रोक लगाने के लिए 24 बिन्दुओं के निर्देश सभी केन्द्रीय सहकारी बैंकों को जारी किए हैं। अलवर, सीकर, चितौडग़ढ़ (रावतभाटा), हनुमानगढ़, बूंदी के सहकारी बैंकों में आरटीजीएस एवं एनईएफटी में अनियमितताओं के प्रकरण सामने आने के बाद यह गाइड लाइन जारी की गई है।
रजिस्ट्रार सहकारिता डॉ. नीरज के. पवन ने गाइड लाइन जारी कर सख्ती से इसका पालन करने के लिए कहा है। गाइड लाइन की अनुपालना नहीं होने पर अनियमितता जैसी घटनाएं होती हैं तो कार्मिक के वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन में प्रतिकूल प्रविष्टि के साथ-साथ बैंक के सेवा नियमों के तहत अनुशासत्मक कार्यवाही एवं संबंधित प्रबंध निदेशक भी जिम्मेदार होंगे। उन्होंने बताया कि एक ही पद पर कार्मिक विशेष को अधिकतम तीन वर्ष तक रखा जा सकेगा तथा उसे एक से अधिक पदों का कार्यभार नहीं दिया जाएगा।
गाइड लाइन के अनुसार शीर्ष बैंक खाते का नियमित मिलान करेगा, सीबीएस साफ्टवेयर आईडी के पासवर्ड एक दूसरे से साझा नहीं किए जाएंगे तथा समय-समय पर परिवर्तन भी किया जाएगा, बैंक या शाखा के अन्य बैंकों में विद्यमान खातों का भी नियमित मिलान होगा। शीर्ष सहकारी बैंक अपने सीबीएस सॉफ्टवेयर को अपडेट कराएगा। इसके अलावा ग्राम सेवा सहकारी समितियों के खाते का नियमित मिलान सुनिश्चित किया जाएगा।
आरटीजीएस एवं एनईएफटी के लिए खोले गए खातों का दैनिक मिलान सुनिश्चित होगा। सीबीएस सॉफ्टवेयर से संतुलन चित्र, लाभ-हानि खाते व रिपोट्र्स को ही उपयोग में लिया जाएगा। मैनुअल इंटरवेशन को बंद किया जाएगा।
ब्याज दरों में परिवर्तन का विलय केवल प्रधान कार्यालय में ही उपलब्ध होगा तथा आरटीजीएस एवं एनईएफटी के लिए मैन्डेट फॉर्म लिया जाएगा।


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