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गुरु घर आया, दर्शन पाया, जीवन सफल होए

- इलाकावासियों को दीदार करवाकर अंतरराष्ट्रीय नगर कीर्तन पंजाब रवाना
श्रीगंगानगर। श्री गुरुनानक देव के 550 साला प्रकाश पर्व को समर्पित अन्तर्राष्ट्रीय नगर कीर्तन मंगलवार को इलाके की संगत को दर्शन कराते हुए पंजाब सीमा में प्रवेश कर गया। इससे पहले सुबह प्रभात वेला प्रकाश के बाद गुरुद्वारा बाबा दीपसिंह शहीद में समागम हुआ। यहां नगर कीर्तन सवेर चार बजे पहुंचा था। स्वागत के बाद गुरु साहिब को विश्राम करवाया गया।
प्रात: 9 बजे नगर कीर्तन पांच ए स्थित गुरुद्वारा गुरु हरगोविन्द सिंह साहिब के लिए रवाना हुआ। 5 ए पहुंचने में नगर कीर्तन को करीब डेढ़ घण्टा लगा। वहां संगत की भारी भीड़ ने गुरु साहिब की पालकी व श्री गुरुनानक देव की खड़ाऊं, श्री हरगोविन्द साहिब व श्री गुरु गोविन्द सिंह के अस्त्र-शस्त्र के दर्शन किए। यहां से नगर कीर्तन पदमपुर रोड से बाइपास होते हुए सूरतगढ़ रोड क्रॉस कर हनुमानगढ़ रोड की ओर जाने वाले बाइपास से होता हुआ अबोहर बाइपास से पंजाब के लिए रवाना हो गया। इस दौरान अनेक संस्थाओं व सिख संगत ने जगह जगह नगर कीर्तन का स्वागत किया। अनेक प्रकार के प्रसाद का वितरण किया गया। चाय नाश्ते की सेवा की गई। नगर कीर्तन में सबसे आगे दुपहिया वाहनों पर सिख युवा वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी फतेह के जय घोष लगाते चल रहे थे। एसजीपीसी के पेट्रोलिंग वाहनों ने नगर कीर्तन के लिए रास्ता खुलवाने में मदद की।
रात भर रही चहल-पहल
अंतरराष्ट्रीय नगर कीर्तन के स्वागत को आतुर शहरवासियों में सुबह से तो इंतजार और उत्सुकता थी ही, रात भर भी दर्शन की उत्सुकता और स्वागत का उत्साह बरकरार रहा। रात 12 बजे नगर कीर्तन ने शहर में प्रवेश किया। इसके बावजूद जगह-जगह स्वागत को उमड़े लोगों एवं दर्शन के उत्सुक श्रद्धालुओं के कारण सिद्धि-सिद्धि से गुरुद्वारा बाबा दीपसिंह तक पहुंचते-पहुंचते सुबह के चार बज गए। इस दौरान शहर के उन मार्गों पर तो खूब रौनक रही ही, जिनसे नगर कीर्तन गुजरना था, अन्य रास्तों पर भी लोगों की आवा-जाही से चहल-पहल रही।


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