थम गए 108 और 104 एंबुलेंस सेवा के पहिए
- अनिश्चितकाल तक संचालन रुका
श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर सहित पूरे राजस्थान में गुरुवार सुबह छह बजे से 108 और 104 एंबुलेंस सेवाएं अनिश्चितकाल तक के लिए ठप हो गई हैं। राजस्थान कर्मचारी संघ के आह्वान पर एंबुलेंस कर्मचारी सरकार की नई निविदा के विरोध में हड़ताल पर चले गए हैं।
सीएमएचओ डॉ. गिरधारी मेहरड़ा ने बताया कि जिला स्तर भी एम्बुलैंस कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला मुख्यालय पर कार्यरत ड्राइवरों को एम्बुलैैंस वाहनों के संचालन के लिए पाबंद किया गया है। इसी तरहब्लॉक मुख्यालयों पर भी इसकी पालना के लिए अधीनस्थ अधिकारियों को आदेशित किया है। उन्होंने बताया कि अनिश्चितकालीन हड़ताल की वजह से रोगियों को किसी तरह की परेशानी नहीं आने दी जाएगी।
इस बीच, आज सुबह से प्रदेश भर की 1400 एंबुलेंसों के पहिए थम गए। कर्मचारियों को आरोप है कि सरकार की ओर निकाली गई नई निविदा कर्मचारियों के हित में नहीं है। इसके विरोध में उन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल का रुख किया है।
जीवनवाहिनी कहलाने वाली एंबुलेंस के कर्मचारियों की इस हड़ताल का असर आम जनता पर पडऩा तय है। उधर, कर्मचारियों ने कहा है कि जब तक उनकी सात सूत्रीय मांगें नहीं मानी जाएंगी, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर सहित पूरे राजस्थान में गुरुवार सुबह छह बजे से 108 और 104 एंबुलेंस सेवाएं अनिश्चितकाल तक के लिए ठप हो गई हैं। राजस्थान कर्मचारी संघ के आह्वान पर एंबुलेंस कर्मचारी सरकार की नई निविदा के विरोध में हड़ताल पर चले गए हैं।
सीएमएचओ डॉ. गिरधारी मेहरड़ा ने बताया कि जिला स्तर भी एम्बुलैंस कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला मुख्यालय पर कार्यरत ड्राइवरों को एम्बुलैैंस वाहनों के संचालन के लिए पाबंद किया गया है। इसी तरहब्लॉक मुख्यालयों पर भी इसकी पालना के लिए अधीनस्थ अधिकारियों को आदेशित किया है। उन्होंने बताया कि अनिश्चितकालीन हड़ताल की वजह से रोगियों को किसी तरह की परेशानी नहीं आने दी जाएगी।
इस बीच, आज सुबह से प्रदेश भर की 1400 एंबुलेंसों के पहिए थम गए। कर्मचारियों को आरोप है कि सरकार की ओर निकाली गई नई निविदा कर्मचारियों के हित में नहीं है। इसके विरोध में उन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल का रुख किया है।
जीवनवाहिनी कहलाने वाली एंबुलेंस के कर्मचारियों की इस हड़ताल का असर आम जनता पर पडऩा तय है। उधर, कर्मचारियों ने कहा है कि जब तक उनकी सात सूत्रीय मांगें नहीं मानी जाएंगी, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
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