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जैसे-जैसे तापमापी का पारा घटेगा वैसे-वैसे चुनावी 'बुखारÓ चढ़ेगा

- शहर की सरकार के लिए सरगर्मी शुरू
श्रीगंगानगर। शहर की सरकार यानी नगर परिषद के लिए चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है। मौसम का जैसे-जैसे मिजाज बदलेगा, तापमापी का पारा घटेगा वैसे-वैसे सभी के चुनावी 'बुखारÓ चढ़ेगा। देश की सबसे बड़ी पंचायत मानी जाने वाली लोकसभा से लेकर स्थानीय निकाय चुनाव में शहर की सरकार का यह चुनाव भले ही सबसे छोटा माना जाता है लेकिन इस जितनी तगड़ी दौड़धूप और मारामारी अन्य किसी चुनाव में नहीं होती। यही वजह है कि चुनावी रण में कूदने का मन बनाने वालों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है।
नगर परिषद के वार्डों के आरक्षण की लॉटरी का सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। हर कोई जानने को आतुर था कि लॉटरी के पिटारे से क्या निकलेगा। यह इंतजार पूरा हो गया और हो गई है तस्वीर साफ। जो पार्षद रहे हैं और जो पार्षदी चाह रहे हैं, लगभग ने लडऩे, नहीं लडऩे या किस वार्ड से लडऩे का मन लगभग बना लिया है। इनमें से बहुत कम ऐसे हैं जो अपने संभावित चुनावी वार्ड को लेकर संशय में हैं, हां कुछ इस आशंका में जरूर झूल रहे हैं कि मैदान में उतरे तो सपनों पर पानी भी फिर सकता है।
लगभग सभी वार्डों में ऐसे एक नहीं अनेक जने हैं जो चुनाव तो नहीं लड़ते, लड़वाते जरूर हैं। इनमें से कई तो पर्दे के पीछे ही रहते हैं। कुछ ऐसे हैं जो अपने व्यवहार और साख की वजह से बीसियों वोट को इधर-उधर करने की ताकत रखते हैं लेकिन जो करना होता हैं, करते हैं बिना शोर-शराबे के। पार्षदी के इच्छुक लोग ऐसे किंग मेकर्स से भी सम्पर्क साध रहे हैं। यह तो समय बताएगा कि चुनावी रण में कौन-कौन भाग्य आजमाने आएगा और इनमें से कौन विजेता कहलाएगा और कौन पछाड़ पाएगा।



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