Breaking News

अगर होर्डिंग्स के कारण कोई हादसा हो गया तो जिम्मेदार कौन?

- तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई जैसे हालात हैं श्रीगंगानगर में भी
श्रीगंगानगर। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के पदाधिकारी की तरफ से शादी समारोह के लिए लगाए गए होर्डिंग ने 23 वर्षीय महिला इंजीनियर की जान ले ली। चेन्नई जैसा ही श्रीगंगानगर का हाल है। यहां नगर परिषद और नगर विकास न्यास की उदासीनता और होर्डिंग ठेकेदारों की मनमानी कभी भी चेन्नई जैसे हादसे का कारण बन सकती है। होर्डिंग लगाने में श्रीगंगानगर में जिस तरह की मनमानी चल रही है, वह हैरान कर देने वाली है।
शहर के हृदय स्थल सुखाडिय़ा सर्किल, शिव सर्किल, रामलीला मैदान के आसपास, रेलवे स्टेशन के समीप, बस स्टैंड के इर्द-गिर्द, ब्लॉक एरिया और तमाम अन्य स्थानों पर भारी और विशाल होर्डिंग्स मनमानी ढंग से लगाए गए हैं। ये होर्डिंग इतने भारी और विशाल हैं जिनसे हमेशा अनहोनी का अंदेशा रहता है।
सुखाडिय़ा सर्किल इस मामले में सर्वाधिक संवेदनशील है। सुखाडिय़ा सर्किल पर छोटे-छोटे बोर्ड जोड़कर उन्हें विशाल होर्डिंग का रूप देकर लगाया जाता है। आज भी यही स्थिति बरकरार है। आंधी और बरसात के मौसम में इन होर्डिंग के कारण हादसे का अंदेशा बढ़ जाता है।
शहर में कई जगह लोगों के निजी भवनों पर भी विशाल होर्डिंग बेहद असुरक्षित और खतरनाक तरीके से टंगे हुए नजर आते हैं। इनसे कभी भी हादसा हो सकता है।
होर्डिंग कमाई का बड़ा धंधा बन गया है। इसलिए नगर परिषद से होर्डिंग ठेका लेने की हमेशा होड़ रहती है। होर्डिंग ठेके मेंं अनियमितताओं की शिकायतें हमेशा आती रहती हैं। नगर परिषद के अधिकारियों और कर्मचारियों की मु_ी गर्म करने वाला ठेकेदार होर्डिंग लगाते समय किसी नियम-कायदे की परवाह नहीं करता। जितनी मनमानी इसमें की जा सकती है, वह की जाती है। नगर विकास न्यास अपने क्षेत्र के लिए होर्डिंग का ठेका देता है, वहां भी नगर परिषद जैसे ही हालात हैं।
दूर से खूबसूरत और नयनाभिराम रंगों से बेहद आकर्षक दिखाई देने वाले ये होर्डिंग कितने खतरनाक साबित हो सकते हैं, यह चेन्नई के हादसे के उदाहरण से समझा जा सकता है।
प्रशासन को चाहिए कि वह संभावित हादसे को टालने के लिए जरूरी कदम उठाए।


No comments