रानू मंडल और नए यातायात नियमों की चर्चा हर जुबां पर
- श्रीगंगानगर में इन दिनों बाकी सब मुद्दे हो गए गौण
श्रीगंगानगर। इन दिनों हर मुद्दा गौण हो चुका है। लोग न महंगाई पर चर्चा कर रहे हैं और न पाकिस्तान के साथ संबंधों में तनाव पर। इन दिनों दो ही मुद्दों पर लोग चर्चा में मशगूल नजर आते हैं। एक मुद्दा है प्लेटफार्म पर गाकर भीख मांगने वाली रानू मंडल के भाग्योदय का और दूसरा है मोटर वाहन अधिनियम मेंं संशोधन के बाद लागू किए नए नियमों का। हर कोई इन्हीं विषयों पर चर्चा करता नजर आ रहा है।
पश्चिमी बंगाल के रानाघाट स्टेशन पर गीत गा कर मिलने वाली भीख से गुजारा करने वाली रानू मंडल की कायापलट की कहानी हर किसी को अच्छी लग रहा है। लोग एक-दूसरे से अक्सर चर्चा करते दिखाई देते हैं कि देखो किस प्रकार किसी ने गरीब औरत का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया और किस प्रकार सिंगर हिमेश रेशमिया तक उसकी पहुंच बनी और उसे फिल्मों में प्ले बैक सिंगिंग का मौका मिल गया।
लोग इस बहाने से सोशल मीडिया के सकारात्मक उपयोग पर भी चर्चा कर रहे हैं। रानू मंडल के भाग्योदय के बाद अब लोगों की निगाह स्थानीय गायकों, घर के दरवाजे पर आ कर कोई वाद्ययंत्र बजा कर अथवा कुछ गा कर भीख मांगने वालों पर टिकने लगी है।
श्रीगंगानगर शहर मेंं कई सज्जन ऐसे लोगों को पारखी निगाह से देखने लगे हैं। उन्हें लगता है कि अगर कोई योग्य गवैया उन्हें दिख जाए तो वह उसका वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर डाल दें। संभव है उसका भी भाग्य बदल जाए।
रानू मंडल के उदाहरण में लोगों में इस तरह की सकारात्मक सोच बनाने में मदद की है।
रानू मंडल के बाद चर्चा हो रही है मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन कर जोड़े नए सख्त प्रावधानों की। पूरे देश में एक सितंबर से नए नियम लागू हो चुके हैं। हालांकि राजस्थान सरकार ने अभी इसे लागू नहीं किया है। फिर भी लोग इन पर चर्चा करते दिखाई देते हैं।
कोई नए यातायात नियमों को गलत बता रहा है तो किसी की नजर में यह लोगों को सुधारने के लिए सही कदम है। इस कदम पर सरकार की आलोचना करते हुए कुछ लोग तर्क दे रहे हैं कि यहां लोगों को बीस-पच्चीस हजार मासिक तनख्वाह का सपना देखना ही संभव नहीं लगता है। ऐसे लोग जुर्माने में बीस-पच्चीस हजार रुपये कैसे चुकाएंगे। इस मुद्दे पर सरकार का समर्थन कर रहे लोगों का कहना है कि आप नियम-कायदों का पालन करिए। एक पैसा भी जुर्माना नहीं लगेगा।
श्रीगंगानगर। इन दिनों हर मुद्दा गौण हो चुका है। लोग न महंगाई पर चर्चा कर रहे हैं और न पाकिस्तान के साथ संबंधों में तनाव पर। इन दिनों दो ही मुद्दों पर लोग चर्चा में मशगूल नजर आते हैं। एक मुद्दा है प्लेटफार्म पर गाकर भीख मांगने वाली रानू मंडल के भाग्योदय का और दूसरा है मोटर वाहन अधिनियम मेंं संशोधन के बाद लागू किए नए नियमों का। हर कोई इन्हीं विषयों पर चर्चा करता नजर आ रहा है।
पश्चिमी बंगाल के रानाघाट स्टेशन पर गीत गा कर मिलने वाली भीख से गुजारा करने वाली रानू मंडल की कायापलट की कहानी हर किसी को अच्छी लग रहा है। लोग एक-दूसरे से अक्सर चर्चा करते दिखाई देते हैं कि देखो किस प्रकार किसी ने गरीब औरत का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया और किस प्रकार सिंगर हिमेश रेशमिया तक उसकी पहुंच बनी और उसे फिल्मों में प्ले बैक सिंगिंग का मौका मिल गया।
लोग इस बहाने से सोशल मीडिया के सकारात्मक उपयोग पर भी चर्चा कर रहे हैं। रानू मंडल के भाग्योदय के बाद अब लोगों की निगाह स्थानीय गायकों, घर के दरवाजे पर आ कर कोई वाद्ययंत्र बजा कर अथवा कुछ गा कर भीख मांगने वालों पर टिकने लगी है।
श्रीगंगानगर शहर मेंं कई सज्जन ऐसे लोगों को पारखी निगाह से देखने लगे हैं। उन्हें लगता है कि अगर कोई योग्य गवैया उन्हें दिख जाए तो वह उसका वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर डाल दें। संभव है उसका भी भाग्य बदल जाए।
रानू मंडल के उदाहरण में लोगों में इस तरह की सकारात्मक सोच बनाने में मदद की है।
रानू मंडल के बाद चर्चा हो रही है मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन कर जोड़े नए सख्त प्रावधानों की। पूरे देश में एक सितंबर से नए नियम लागू हो चुके हैं। हालांकि राजस्थान सरकार ने अभी इसे लागू नहीं किया है। फिर भी लोग इन पर चर्चा करते दिखाई देते हैं।
कोई नए यातायात नियमों को गलत बता रहा है तो किसी की नजर में यह लोगों को सुधारने के लिए सही कदम है। इस कदम पर सरकार की आलोचना करते हुए कुछ लोग तर्क दे रहे हैं कि यहां लोगों को बीस-पच्चीस हजार मासिक तनख्वाह का सपना देखना ही संभव नहीं लगता है। ऐसे लोग जुर्माने में बीस-पच्चीस हजार रुपये कैसे चुकाएंगे। इस मुद्दे पर सरकार का समर्थन कर रहे लोगों का कहना है कि आप नियम-कायदों का पालन करिए। एक पैसा भी जुर्माना नहीं लगेगा।
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