इलाज के लिए भी मलखान को जमानत नहीं
- बहन इंद्रा ने लगाई बच्चों की सगाई की अर्जी
जोधपुर। बहुचर्चित एएनएम भंवरीदेवी अपहरण व हत्या के मामले में आरोपी मलखानसिंह विश्नोई और उसकी बहन इंदिरा विश्नोई दोनों जेल में हैं। विश्नोई ने हर्निया व पथरी आदि बीमारी का इलाज कराने के लिए 12 सप्ताह की अंतरिम जमानत मांगी थी। आरोपी मलखान की क्रिमिनल अपील याचिका राजस्थान हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। हालांकि कोर्ट ने विश्नोई को अपनी पसंद के किसी भी निजी अस्पताल में इलाज कराने की छूट दी है, लेकिन यह इलाज पुलिस कस्टडी में होगा। वहीं दूसरी ओर उसकी बहन इंदिरा विश्नोई ने अपने बच्चों की सगाई के लिए जमानत अर्जी पेश की है। हालांकि यह याचिका अभी सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं हुई है। ट्रायल कोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत प्रार्थना खारिज करने के विरूद्ध मलखान ने हाईकोर्ट में क्रिमिनल अपील दायर की थी।
इसमें कहा गया कि अपीलकर्ता हर्निया व पित्त की थैली पथरी से पीडि़त है। वह निजी अस्पताल में अपने खर्च से इलाज करवाना चाहता है। सीबीआई के विशिष्ट लोक अभियोजक पन्नेसिंह रातड़ी ने निचली अदालत के आदेश को उचित बताते हुए कहा कि इलाज कराने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इसके लिए अंतरिम जमानत की जरूरत नहीं है। जस्टिस पीके लोहरा ने दोनों पक्ष सुनने के बाद अपील याचिका खारिज करते हुए इलाज के लिए अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया। दूसरी ओर इंदिरा विश्नोई ने पुत्र-पुत्री की सगाई के लिए अंतरिम जमानत के लिए राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका पेश की है। एक अगस्त से बारह अगस्त तक के लिए अंतरिम जमानत मांगी है।
जोधपुर। बहुचर्चित एएनएम भंवरीदेवी अपहरण व हत्या के मामले में आरोपी मलखानसिंह विश्नोई और उसकी बहन इंदिरा विश्नोई दोनों जेल में हैं। विश्नोई ने हर्निया व पथरी आदि बीमारी का इलाज कराने के लिए 12 सप्ताह की अंतरिम जमानत मांगी थी। आरोपी मलखान की क्रिमिनल अपील याचिका राजस्थान हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। हालांकि कोर्ट ने विश्नोई को अपनी पसंद के किसी भी निजी अस्पताल में इलाज कराने की छूट दी है, लेकिन यह इलाज पुलिस कस्टडी में होगा। वहीं दूसरी ओर उसकी बहन इंदिरा विश्नोई ने अपने बच्चों की सगाई के लिए जमानत अर्जी पेश की है। हालांकि यह याचिका अभी सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं हुई है। ट्रायल कोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत प्रार्थना खारिज करने के विरूद्ध मलखान ने हाईकोर्ट में क्रिमिनल अपील दायर की थी।
इसमें कहा गया कि अपीलकर्ता हर्निया व पित्त की थैली पथरी से पीडि़त है। वह निजी अस्पताल में अपने खर्च से इलाज करवाना चाहता है। सीबीआई के विशिष्ट लोक अभियोजक पन्नेसिंह रातड़ी ने निचली अदालत के आदेश को उचित बताते हुए कहा कि इलाज कराने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इसके लिए अंतरिम जमानत की जरूरत नहीं है। जस्टिस पीके लोहरा ने दोनों पक्ष सुनने के बाद अपील याचिका खारिज करते हुए इलाज के लिए अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया। दूसरी ओर इंदिरा विश्नोई ने पुत्र-पुत्री की सगाई के लिए अंतरिम जमानत के लिए राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका पेश की है। एक अगस्त से बारह अगस्त तक के लिए अंतरिम जमानत मांगी है।
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