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हाई कोर्ट के आदेश की भी परवाह नहीं जोधपुर विद्युत निगम को

- अदालत के आदेश को रख दिया ताक पर, नहीं दिया तृतीय वेतन शृंखला का लाभ
- श्रीगंगानगर, सादुलशहर, संगरिया में कार्यरत्त कर्मचारी भटक रहे दर-दर
श्रीगंगानगर। राजस्थान हाई कोर्ट ने आदेश जारी कर राज्य के विद्युत निगमों मेंं सहायक प्रथम पद पर चयनित होने के बाद कार्यरत्त कर्मचारियों को तृतीय वेतन शृंखला का लाभ देने के लिए कह दिया। अदालती आदेश की पालना में अजमेर विद्युत निगम एवं जयपुर विद्युत निगम ने अपने कर्मचारियों को तृतीय वेतन शृंखला का लाभ दे भी दिया लेकिन जोधपुर विद्युत वितरण निगम के अधिकारियों को अदालतों के आदेश की भी परवाह नहीं है। जोधपुर विद्युत वितरण निगम के क्षेत्राधिकार में कार्यरत्त कर्मचारियों को तृतीय वेतन शृंखला का लाभ नहीं दिया जा रहा है।
तृतीय वेतन शृंखला का लाभ लेने के लिए श्रीगंगानगर, सादुलशहर, संगरिया आदि स्थानों पर कार्यरत्त कर्मचारियों को दर-दर भटकना पड़ रहा है।
 यह मामला राज्य के उन विद्युत कर्मचारियों से जुड़ा हुआ है, जिन्हें 2 मार्च 1995 को साक्षात्कार एवं मेरिट के आधार पर सहायक प्रथम के पद नियुक्तियां दी गई थीं। ये सभी कर्मचारी आईटीआई योग्यता धारी होने के कारण तृतीय वेतन श्रृंखला के पात्र थे। उन्हें 13 मार्च 1998 को नियमितीकरण के समय नियमानुसार तृतीय वेतन श्रृंखला का लाभ मिलना चाहिए था मगर निगम ने उन्हें तृतीय वेतन शृंखला के बजाय द्वितीय वेतन शृंखला का लाभ ही दिया।
इससे व्यथित कर्मचारियों ने राजस्थान हाई कोर्ट मेंं याचिका प्रस्तुत कर न्याय की मांग की। जिस पर हाई कोर्ट ने इन कर्मचारियों को तृतीय वेतन श्रृंखला का लाभ देने के आदेश पारित कर दिए। विद्युत निगम ने इसके खिलाफ डबल बेंच में अपील की। हाई कोर्ट की डबल बेंच ने पिछले साल इस अपील को खारिज कर सिंगल बेंच के फैसले को बरकरार रखा।
पीडि़त कर्मचारियों का कहना है कि अजमेर विद्युत निगम एवं जयपुर विद्युत निगम ने हाई कोर्ट के निर्णय की पालना में अपने सभी कर्मचारियों को तृतीय वेतन शृंखला का तत्काल लाभ दे दिया लेकिन जोधपुर विद्युत वितरण निगम मनमानी कर रहा है। जोधपुर विद्युत वितरण निगम की ओर से अदालत के फैसले की भी पालना नहीं की जा रही है।
राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले के बावजूद जब तृतीय वेतन श्रृंखला का लाभ नहीं मिला तो राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड के कर्मचारी भगवती प्रसाद एवं झूमजा राम ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड ने अपने इन दोनों कर्मचारियों को तृतीय वेतन शृंखला का लाभ दे दिया लेकिन जोधपुर विद्युत वितरण निगम अडिय़ल रवैया अपनाए बैठा है। अजमेर एवं जयपुर विद्युत निगम के कर्मचारियों को तो हाई कोर्ट के आदेश की पालना में ही यह लाभ प्राप्त हो चुका है।

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