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अमरनाथ यात्रा पर गए श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों के श्रद्धालुओं को लेकर चिंता

श्रीगंगानगर। केन्द्र सरकार ने कश्मीर में अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को तत्काल घाटी से बाहर जाने का जो निर्देश दिया है, उससे अमरनाथ यात्रा पर गए श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों के लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा हो गई है।
दोनों जिलों की मंडियों और गांवों से हर साल बड़ी तादाद मेंं श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा पर जाते हैं लेकिन इस बार कितने श्रद्धालु गए और अब कितने श्रद्धालु घाटी में हैं, इस बारे में कोई अधिकारिक आंकड़ा नहीं मिल पा रहा है।
श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों के कई श्रद्धालु अभी भी कश्मीर घाटी में हो सकते हैं। जब तक ये लोग लौट नहीं आते, तब तक परिजनों को सुकून आने वाला नहीं है।
श्रीगंगानगर से अमरनाथ गुफा पर श्रद्धालुओं के लिए लंगर लगाने के लिए गए श्रीअमरनाथ लंगर सेवा समिति के अध्यक्ष नवनीत शर्मा अपने सेवादारों के दल के साथ कल यहां लौट आए हैं। नवनीत शर्मा ने बताया कि दोनों जिलों के कई श्रद्धालु अब भी कश्मीर मेंं होंगे, इस बात की पूरी संभावना है क्योंकि परसों शाम को जब हम लौट रहे थे तो रावतसर के श्रद्धालुओं का एक जत्था अमरनाथ पहुंचा था।
नवनीत शर्मा ने बताया कि रावतसर के एक श्रद्धालु ने उन्हें फोन करके पूछा था कि आपका लंगर किस जगह लगा है।
मैंने उसे लंगर समाप्त होने और हमारी वापसी के बारे में जानकारी दे दी थी। रावतसर की तरह अन्य मंडियों के लोग भी वहां हो सकते हैं।
नवनीत शर्मा ने बताया कि हम लोग अमरनाथ गुफा के बाहर लंगर लगाते हैं। इस बार हमारा पहला जत्था अठारह जून को गया था। इसके बाद दूसरा जत्था गया। हमने वहां 31 जुलाई तक लंगर लगाया था। दोनों जत्थों के तीस सेवादार परसों तड़के वहां से रवाना हुए और कल रात को श्रीगंगानगर पहुंच गए हैं।


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