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चमकते सोने से भी नहीं आया ज्वैलर्स में उत्साह

- महंगा होने के कारण प्रभावित रहेगा त्योहारी सीजन
श्रीगंगानगर। सोने की चालीस हजारी चमक के बावजूद  ज्वैलर्स में भविष्य के व्यापार को लेकर उत्साह नहीं है। अधिकतर सर्राफा व्यवसायी सोने में तेजी को व्यापार के लिए अच्छा नहीं मानते। व्यापारियों का मानना है कि सोने का रेट 40 हजार से अधिक होने के कारण यह आम आदमी की पहुंच से दूर हो रहा है। इसका असर आगामी त्योहारी सीजन पर भी दिखाई दे सकता है। पिछले साल का सीजन भी ज्यादा अच्छा नहीं रहा था। स्थानीय सर्राफा व्यापारियों के अनुसार अब सोने का रेट और ज्यादा नहीं उठेगा। ऐसे में सोने में निवेश से बचना चाहिए।
 मालूम हो कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव बढऩे के कारण सोमवार को श्रीगंगानगर में स्टैंडर्ड सोना 39,600 रुपये और जेवराती सोना 38,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर था। हालांकि मंगलवार को बाजार  खुलने के समय भी सोने का मूल्य यही बताया गया।
अब रिस्क तो रहेगा : सोने के चालीस हजारी होने पर सर्राफा संघ के अध्यक्ष विजय भोला का कहना है कि इससे स्थानीय बाजार को कोई फायदा नहीं है। यह रेट अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का है। अभी बाजार में किसी तरह की लेई-बेची नहीं है। आगे सोने के रेट में फ्लेक्चवेशन रहेगा। ऐसे में अब से पहले सोने में निवेश करने वालों को ज्यादा फायदा या नुकसान नहीं होने वाला। अब और निवेश से बचना चाहिए। रिस्क तो रहेगा ही।
सोना सुख-दुख का साथी : बॉम्बे  ज्वैलर्स के अंकुर मिगलानी का कहना है कि अभी मार्केट खराब है। व्यापार है नहीं। कभी सुख-दुख का साथी रहा सोना अब मंहगा होने के कारण आम आदमीं की पहुंच से बाहर जा रहा है।
सस्ता होगा तो आएगा कस्टमर : पीसी ज्वैलर्स के मैनेजर प्रत्यक्ष महेन्द्रा भी सोने में तेजी के कारण बाजार में ग्राहकी नहीं होना बता रहे हैं। उनका कहना है कि सोने का रेट बढ़ा है, कस्टमर नहीं। सोना कुछ सस्ता होगा तभी खरीददार बाजार में आएगा।


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