Breaking News

पासवर्ड देने वाले अधिकारी भी हो सकते हैं संलिप्त

- 35 करोड़ घोटाले का मामला
श्रीगंगानगर (एसबीटी)। शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्ति पर लगे पीटीआई के डेढ़ सौ से ज्यादा कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति व छुट्टियों के बिल बना कर किए गए 35 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले की जांच ईमानदारी से हो तो इस प्रकरण में कई अधिकारी और कर्मचारी भी उतने ही दोषी हो सकते हैं, जितना पीटीआई ओमप्रकाश है। बीते कई वर्षों के दौरान पीटीआई पे-मैनेजर पर काम करता रहा है।
इस कार्य के लिए उसे अधिकृत करने वाले अधिकारी व पे-मैनेजर का पासवर्ड देने वाले अधिकारी भी जांच के दायरे में हैं। वर्तमान में जो अधिकारी यहां मौजूद हैं, उनसे तो पूछताछ का सिलसिला चल ही पड़ा है। जांच आगे बढऩे के साथ यहां सीबीओ व बीईओ रहे आधा दर्जन उन अधिकारियों से भी पूछताछ होगी। इन सभी अधिकारियों ने भी पे-मैनेजर व लेखा सॉफ्टवेयर के पासवर्ड ओमप्रकाश को देकर लापरवाही बरती। पासवर्ड देने के बावजूद कभी ओमप्रकाश से बिलों व भुगतान के बारे में नहीं पूछा। अब दावा किया जा रहा है कि ओमप्रकाश ही अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर करके बिल पास होने के लिए कोष कार्यालय भिजवा देता था। यदि बीते वर्षों के दौरान यहां बीईओ रहे किसी भी एक अधिकारी ने पीटीआई ओमप्रकाश को पे-मैनेजर सॉफ्टवेयर का पासवर्ड देने के बाद बिलों पर हस्ताक्षर के बारे में पूछा होता तो घोटाले का यह खेल बहुत पहले ही उजागर हो जाता। जांच टीम ही पूर्व में यहां बीईओ रहे अधिकारियों की इस मामले में भूमिका का खुलासा कर सकती है। फिलहाल जांच दल में शामिल अधिकारी भी अब इस प्रकरण में विभाग के अन्य लोगों की संलिप्तता पर खुलकर बताने से बचने लगे हैं।


No comments