Breaking News

गद्दा खरीद मामले में बोले डॉ. नरेश बंसल जांच से परिवाद की सच्चाई सामने आ जाएगी

- फर्जी बिलों से राजकोष को चूना लगाने का है आरोप
श्रीगंगानगर। पूर्व सीएमएचओ डॉ. नरेश बंसल के खिलाफ कोतवाली थाने में दर्ज गबन के मुकदमे को पुलिस दबा कर बैठ गई है। अभी तक इस मामले में पुलिस ने कोई जांच नहीं की है जबकि थाने में मुकदमा दर्ज हुए कई दिन बीत गए हैं।
नेहरानगर निवासी हेमराज चौधरी पुत्र गोपीराम जाट ने कोतवाली पुलिस थाने में परिवाद देकर डॉ. बंसल के खिलाफ गबन करने का मुकदमा दर्ज करने के लिए परिवाद दिया है। परिवादी ने बताया कि 12 नवंबर 2014 को लेखा शाखा के उच्चाधिकारियों के आदेशानुसार प्रसूता महिलाओं के उपयोग हेतु एडीशनल सीएमएचओ परिवार कल्याण ने गद्दों की आपूर्ति के लिए तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. नरेश बंसल को जरिए नोटशीट पत्र लिखा।
आरोप है कि डॉ. बंसल ने गद्दों की आपूर्ति के लिए परिवार कल्याण अधिकारी को आदेशित करने की बजाय स्वयं के स्तर पर यूपी के उन्नाव की फर्म शिवा इंटरप्राइजेट से 650 गद्दों की खरीद का बिल हासिल किया। गद्दों की आपूर्ति किए बिना राजकोष को 12,30,566 रुपए का जरिए चैक भुगतान किया। इस फर्म के बिल में आपूर्तिकर्ता के मोबाइल फर्जी हैं।
उक्त नंबर सादुलशहर सीएचसी मेें लैब टैक्नीशियन रहे विष्णु कौशिक के हंै। वर्तमान में वह धोखाधड़ी और गबन के केस में केन्द्रीय कारागार में है।
आरोप है कि डॉ. बंसल ने अपने स्तर पर एनसीडी की दवा खरीद की, जिसका कोई रिकॉर्ड ऑफिस में नहीं है। फिजियोथैरेपी मशीनों की
आपूर्ति में भी फर्जीवाड़ा कर 52 लाख का भुगतान फर्जी फर्म को किया।
गाज पट्टी, बैंडेज और दवा खरीद में भी लाखों की गड़बड़ी की गई। हैरानीजनक है कि उक्त परिवाद पर अभी तक कोतवाली पुलिस द्वारा जांच नहीं की जा रही है। जानकारी लेने के लिए सम्पर्क करने पर कोतवाली थाना प्रभारी हनुमानाराम बिश्नोई ने फोन रिसीव नहीं किया जबकि डॉ. नरेश बंसल ने कहा कि जांच से परिवाद की सच्चाई सामने आ जाएगी।


No comments