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शिक्षा विभाग की टीम करेगी 35 करोड़ गबन मामले की जांच

- पीटीआई के खुद सहित 72 कर्मचारियों को भी रिटायर बता कर राजकोष को चूना लगाने का मामला
श्रीगंगानगर। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में डेपुटेशन पर नियुक्त पीटीआई के किए गए गबन मामले की जांच शिक्षा विभाग की टीम अलग से करेगी। मुख्य शिक्षा अधिकारी ने निदेशक नथूराम डिडेल के संज्ञान में यह मामला लाने के बाद जांच दल का गठन किया गया है। जिला कलक्टर के निर्देश पर इस मामले मुकदमा दर्ज करवाने वाले मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी हंसराज ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से पीटीआई की गतिविधियों पर संदेह होने पर उन्होंने उच्चाधिकारियों के निर्देश पर गोपनीय जांच करवाई तो गबन का यह मामला सामने आया। इसकी जानकारी तुरंत ही जिला कलक्टर व शिक्षा निदेशक बीकानेर को दी गई। हंसराज ने बताया की मामले की जांच के लिए बीकानेर से विभाग की टीम भी आ रही है।
इस पीटीआई ने खुद को भी तीन बार रिटायर दिखा कर लाखों रुपए का भुगतान उठा लिया। इतना ही नहीं यह शारीरिक शिक्षक अन्य कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति का फर्जी रिकॉर्ड तैयार करके बिल पेश करता रहा और अधिकारी आंखें मूंद कर बिल पास करते रहे। अफसरों की अंधेरगर्दी का पीटीआई लाभ उठाता रहा और राजकोष को 35 करोड़ रुपए का चूना लगा दिया।
पुरानी आबादी पुलिस थाना प्रभारी दिगपाल सिंह चारण ने बताया कि मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी हंसराज पुत्र बद्रीप्रसाद निवासी हनुमानगढ़ की रिपोर्ट पर पीटीआई ओमप्रकाश शर्मा पुत्र सहदेव शर्मा निवासी सद्भावनानगर के खिलाफ विभाग में 35 करोड़ रुपए का गबन करने के आरोप में धारा 420, 409, 120 बी में मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि ओमप्रकाश पुरानी आबादी के राजकीय स्कूल नम्बर सात में पीटीआई नियुक्त है, लेकिन वह शिक्षा विभाग कार्यालय में डेपुटेशन पर लेखाकार का काम देख रहा था।
इस पद पर रहते हुए ओमप्रकाश ने पिछले चार वर्षों में 72 कर्मचारियों के रिटारमेंट होने के फर्जी दस्तावेज तैयार करके बिल बनाये। यह बिल पास होते गये और पीटीआई ने 35 करोड़ का भुगतान प्राप्त कर लिया। राजकोष की राशि हड़पने के लिए उसने खुद को भी तीन बार रिटारमेंट दिखा दिया। अफसर भी आंखें मूंद कर बिल को पास करते रहे। यह राशि उसने अपने परिवार के सदस्यों व परिचित लोगों के बैंक खातों में ट्रांसफर करवा ली। उसका यह फर्जीवाड़ा पिछले चार वर्ष से चल रहा था, लेकिन किसी भी अधिकारी को कर्मचारियों के रिटारमेंट का पैसा उठाने के लिए पेश बिलों के फर्जी होने का अंदेशा नहीं हुआ।
जांच अधिकारी ने बताया कि ब्लॉक शिक्षा अधिकारी हंसराज को एक कर्मचारी के रिटारमेंट के पेश बिल पर संदेह हुआ। उन्होंने जांच पड़ताल की तो पता चला कि जिस कर्मचारी को रिटारमेंट बताया गया है, हकीकत में उस नाम का कर्मचारी शिक्षा विभाग में कार्यरत ही नहीं है। फर्जीवाड़ा पकड़ में आने के बाद ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने मुकदमा दर्ज करवाया है। गबन का खुलासा होने का पता चलने पर पीटीआई ओमप्रकाश शर्मा भूमिगत हो गया है।
थाना प्रभारी ने बताया कि 35 करोड़ के गबन के इस मामले में शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता। जांच के दौरान ही पता चला कि पीटीआई के गबन में किस-किस अधिकारी की भूमिका रही है।

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