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गंगनहर में देर शाम 1400 क्यूसेक पानी पहुंचेगा

- आरडी 45 पर 1500 क्यूसेक पानी प्रवाहित
श्रीगंगानगर (एसबीटी)। पंजाब में बीकानेर कैनाल की आरडी 45 पर 1500 क्यूसेक पानी प्रवाहित किया जा रहा है। यह पानी देर शाम को शिवपुर हैड पर पहुंचेगा। लगभग 1400 क्यूसेक पानी के पहुंचने की संभावना है। वर्तमान में 550 क्यूसेक पानी चल रहा है, जिससे 21 नहरों में से एकमात्र एलएनपी नहर चल रही है। सिंचाई विभाग के सूत्रों का कहना है कि पानी बढ़ते ही पौंड करके एफ नहर में पानी छोड़ा जाएगा। साथ ही, एलएनपी को बंद कर दिया जाएगा। पिछले एक सप्ताह से गंगनहर का पूरा सिस्टम जाम पड़ा है। इस कारण नरमा-कपास और ग्वार की फसल पानी के लिए तरस रही है। कई जगह तो किसानों ने ग्वार की फसल में तवियां चला दी हैं। पंजाब में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए हरिकेबैराज से पौंड लेवल कम कर दिया गया था और रोजाना 60 हजार से 1 लाख क्यूसेक तक पानी पाकिस्तान छोड़ा जा रहा है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के तमाम दावों की बावजूद पानी पाकिस्तान जाना नहीं रूका है। इसके विपरीत राजस्थान की गंग कैनाल, भाखड़ा, इन्दिरा गांधी नहर में बहुत कम पानी छोड़ा जा रहा है। इस वजह से पूरे क्षेत्र के किसानों में भारी आक्रोश है। गंगकैनाल के पूर्व प्रोजेक्ट चेयरमैन गुरबलपाल सिंह संधू, किसान संघर्ष समिति के प्रवक्ता सुभाष सहगल, अखिल भारतीय किसान सभा के जिलाध्यक्ष कालू थोरी, गंगागनर किसान समिति के संयोजक रणजीत सिंह राजू, प्रवक्ता संतवीर सिंह मोहनपुरा ने बताया कि पानी बढऩा शुरू हुआ है, जो देर शाम तक शिवपुर हैड पर पहुंचेगा। हमने सिंचाई अधिकारियों को चेतावनी दे दी है कि यदि शेयर के मुताबिक पानी पूरा नहीं दिया गया तो इलाके का किसान एकजुट होकर आंदोलन करेगा। किसान नेताओं का कहना है कि वर्तमान में गंगनहर में 2500 क्यूसेक पानी लगातार चलता रहे, तब जाकर स्थिति कुछ सुधरेगी अन्यथा फसलें नष्ट हो जाएंगी।
सरकार का दावा-सीएम के दखल
से बढ़ा नहरों में जल स्तर
राज्य सरकार का दावा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दखल के बाद हनुमानगढ़ तथा श्रीगंगानगर जिलों की नहरों मेें जलस्तर बढ़ गया है। जयपुर में कल मुख्यमंत्री कार्यालय में जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक में शासन सचिव नवीन महाजन ने बताया कि मुख्यमंत्री के प्रयास के बाद राजस्थान की नहरों के लिए हरिके बैराज पर बंद किए गए पानी को फिर से खोल दिया गया है। राजस्थान सरकार के अधिकारियों ने हरिके बैराज पहुंचकर पंजाब के समकक्ष अधिकारियों से चर्चा की, जिसके बाद गंग नहर तथा इंदिरा गांधी नहर के लिए बैराज से पानी छोडा़ जा रहा है।  महाजन ने बताया कि पंजाब के कई जिलों में अधिक बारिश के कारण सतुलज नदी में पानी की आवक बढऩे से कई दर्जन गांव डूब गए थे। इस पर पंजाब सरकार ने राजस्थान की नहरों के लिए बांध के गेज को नीचे कर दिया था। इस कारण फिरोजपुर और राजस्थान फीडर में पानी का स्तर घट गया था। श्री गहलोत के हस्तक्षेप से अब पश्चिमी जिलों की इन नहरों में पानी की उपलब्धता लगातार बढ़ रही है।
नदी के बहाव क्षेत्र में कब्जे बने समस्या
सतलुज और व्यास नदी के बहाव क्षेत्र में लगातार लोगों द्वारा किए गए कब्जे अब समस्या बन गए हैं। वर्ष 1951 की स्थिति और आज की स्थिति का आंकलन किया जाए तो नदियों की चौड़ाई सिकुड़ चुकी है। यही कारण है कि पंजाब में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है और कई गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। किसान संघर्ष समिति के प्रवक्ता सुभाष सहगल ने बताया कि पानी के बहाव में लगातार कब्जे किए गए। अनेक कॉलोनियां बनाई गई। इसके अलावा किसानों को जमीनें भी आवंटित कर दी गईं। दोनों नदियों के मूल स्वरूप में परिवर्तन कर देने से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। वर्तमान में बांधों के जल स्तर को कम किया जा रहा है। क्योंकि बीबीएमबी को यह आशंका है कि यदि पानी और आ जाता है तो वह इतना पानी कहां स्टोरेज करेंगे। गंगकैनाल के पूर्व प्रोजेक्ट चेयरमैन गुरबलपाल सिंह संधू बताते हैं कि बांधों के जलस्तर को पांच फीट कम किया गया है। मुख्य मुद्दा गंगकैनाल, भाखड़ा और राजस्थान कैनाल की सुदृढि़करण का है। यदि नहरें मजबूत होंगी तो पर्याप्त पानी लिया जा सकेगा।


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