जिस दिन बीडी अग्रवाल चाहेंगे, बन जाएगा मेडिकल कॉलेज
- कानूनी पक्ष अग्रवाल के फेवर में
- सरकार ने कुछ भी छेड़छाड़ की तो हाइकोर्ट जा सकते हैं अग्रवाल
- एमओयू 2021 तक उससे पहले कुछ बनता नहीं लग रहा
श्रीगगानगर। श्रीगंगानगर में मेडिकल कॉलेज अब बनेगा, तब बनेगा। सरकार एमओयू नहीं बढ़ाएगी। दानदाता के कारण अटका मेडिकल कॉलेज, जिला प्रशासन अटका रहा रोड़े, भाजपा सरकार बनाएगी मेडिकल कॉलेज। और मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा भाजपा सरकार ने रोका श्रीगंगानगर में मेडिकल कॉलेज, लेकिन संशय अब भी वही है कि मेडिकल कॉलेज बनेगा, तब विश्वास होगा जनता को। पिछले करीब छह सालों से जबसे मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव आया है, तब से उक्त जुमले सुन-सुनकर श्रीगंगानगर की जनता पक चुकी है। दानदाता, कांग्रेस व भाजपा नेताओं-मंत्रियों ने जाने कितने बयान जारी किए होंगे, अब तो शायद इन सबको भी शर्म आने लगी होगी। हालांकि इस दौरान बीडी अग्रवाल कई बार कह चुके हैं कि भाजपा सरकार ने बाधाएं डाली।
दानदाता बीडी अग्रवाल ने तो पिछले छह सालों में जाने कितनी बार आगामी सत्र में कॉलेज भवन बनाने और कक्षाएं शुरू करने की बातें कहीं होंगी। मीडिया वाले तो अब लिखते हुए भी कई बार सोचते हैं। इस मुद्दे पर अहम बात यह है कि जब तक बीडी अग्रवाल नहीं चाहते, तब तक मेडिकल कॉलेज नहीं बन सकता। भले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य बजट में मेडिकल कॉलेज बनाने की बात कही है, लेकिन अब तक रही परिस्थितियों में निकट भविष्य में संभव नहीं लगता। अब तक जो परिस्थितियां रही हैं और दानदाता बीडी अग्रवाल के पक्ष में ऐसी कई बातें हैं, जिनके आधार पर ऐसा कहना अनुचित नहीं है।
पिछली अशोक गहलोत सरकार ने श्रीगंगानगर में मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए बीडी अग्रवाल से दिनांक 14 जून 2013 को एमओयू किया था। यह एमओयू दिनांक 20 मार्च 2018 तक वैध था। दानदाता विभिन्न कारणों से मेडिकल कॉलेज का निर्माण शुरू नहीं करवा पाए। अग्रवाल ने कहा भाजपा नीत वसुंधरा सरकार ने राजनीतिक कारणों से अडंग़े लगाए। जिला प्रशासन ने भी कागजी कार्यवाही में बाधाएं उत्पन्न कीं। पहले एमओयू की अवधि पूरी होने के बाद उसकी अवधि बढ़ाने की बातें उठीं तो तत्कालीन राज्य मंत्री सुरेन्द्र पाल सिंह टीटी ने एक प्रेस कांफें्रस में कहा कि एमओयू की तिथि नहीं बढ़ाएगी सरकार। लेकिन इसी बीच बीडी अग्रवाल हाईकोर्ट चले गए। हाइकोर्ट ने अग्रवाल के पक्ष में कहा कि राज्य सरकार एमओयू की तारीख बढ़ाए। इस पर वसुंधरा सरकार ने 2021 तक एमओयू की अवधि बढ़ाई।
गत विधानसभा चुनाव 2018 दिसम्बर माह में अग्रवाल ने मीडिया के समक्ष कहा कि अब मेडिकल कॉलेज निर्माण में सरकार या प्रशासन की तरफ से कोई अड़चन नहीं है।
तब से अब तक कई संगठनों एवं जन प्रतिनिधियों ने मेडिकल कॉलेज निर्माण की मांग दोबारा बनी गहलोत सरकार के समक्ष रखी। जनता की मांग और स्थानीय विधायक राजकुमार गौड़ द्वारा विधानसभा में यह मुद्दा उठाने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बजट में फिर से श्रीगंगानगर में मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा की है।
इस बीच, बीडी अग्रवाल ने भी अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि निर्माण कार्य में जीएसटी माफ करने के लिए केन्द्र सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया। जिसकी वजह से निर्माण रुका है। करीब 45 करोड़ रुपए की जीएसटी लगनी है, जबकि यह जन उपयोगी सरकारी संस्थान है।
गहलोत की घोषणा के बाद आमजन यह सवाल उठा रहा है कि हाइकोर्ट के आदेशों को धत्ता बताकर मेडिकल कॉलेज का निर्माण कैसे किया जा सकता है। मेडिकल कॉलेज का एमओयू 2021 तक है। इसे सरकार खारिज नहीं कर सकती। अगर करती है तो बीडी अग्रवाल हाइकोर्ट की अवमानना में हाइकोर्ट जा सकते हैं। अब राज्य सरकार राजकीय चिकित्सालय क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज बना नहीं सकती, क्योंकि एमओयू इसी जगह का हुआ है। किसी नई जगह पर मेडिकल कॉलेज संभव नहीं है। क्योंकि इसके लिए निर्धारित संख्या के बैड का अस्पताल होना जरूरी है।
अदालती और व्यापारिक दावपेंच में माहिर बीडी अग्रवाल ने अपने पक्ष में इतने कागज पत्रों की फाइलें तैयार कर रखी हैं कि वे हाइकोर्ट में राज्य सरकार को चुनौती दे सकते हैं। अग्रवाल के लिए मेडिकल कॉलेज न केवल राजनैतिक तौर पर अहम मुद्दा है बल्कि पारिवारिक तौर पर भी प्रतिष्ठा का प्रश्र है, जिसे वे हरगिज नहीं छोडऩा चाहेंगे। तमाम परिस्थितियों में बीडी अग्रवाल जिस दिन ठान लेंगे, तभी बन सकता है मेडिकल कॉलेज। बशर्ते जो बाधाएं वे कहते हैं सरकार उनको दूर करे। कम से कम 2021 से पहले तो मेडिकल कॉलेज पर कुछ होता लग नहीं रहा।
अभी कुछ नहीं कह सकता
इस संबंध में दानदाता बीडी अग्रवाल का कहना है कि घोषणा के आंतरिक दस्तावेजों को देखे बिना, मैं कोई टिप्पणी नहीं देना चाहता।
- सरकार ने कुछ भी छेड़छाड़ की तो हाइकोर्ट जा सकते हैं अग्रवाल
- एमओयू 2021 तक उससे पहले कुछ बनता नहीं लग रहा
श्रीगगानगर। श्रीगंगानगर में मेडिकल कॉलेज अब बनेगा, तब बनेगा। सरकार एमओयू नहीं बढ़ाएगी। दानदाता के कारण अटका मेडिकल कॉलेज, जिला प्रशासन अटका रहा रोड़े, भाजपा सरकार बनाएगी मेडिकल कॉलेज। और मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा भाजपा सरकार ने रोका श्रीगंगानगर में मेडिकल कॉलेज, लेकिन संशय अब भी वही है कि मेडिकल कॉलेज बनेगा, तब विश्वास होगा जनता को। पिछले करीब छह सालों से जबसे मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव आया है, तब से उक्त जुमले सुन-सुनकर श्रीगंगानगर की जनता पक चुकी है। दानदाता, कांग्रेस व भाजपा नेताओं-मंत्रियों ने जाने कितने बयान जारी किए होंगे, अब तो शायद इन सबको भी शर्म आने लगी होगी। हालांकि इस दौरान बीडी अग्रवाल कई बार कह चुके हैं कि भाजपा सरकार ने बाधाएं डाली।
दानदाता बीडी अग्रवाल ने तो पिछले छह सालों में जाने कितनी बार आगामी सत्र में कॉलेज भवन बनाने और कक्षाएं शुरू करने की बातें कहीं होंगी। मीडिया वाले तो अब लिखते हुए भी कई बार सोचते हैं। इस मुद्दे पर अहम बात यह है कि जब तक बीडी अग्रवाल नहीं चाहते, तब तक मेडिकल कॉलेज नहीं बन सकता। भले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य बजट में मेडिकल कॉलेज बनाने की बात कही है, लेकिन अब तक रही परिस्थितियों में निकट भविष्य में संभव नहीं लगता। अब तक जो परिस्थितियां रही हैं और दानदाता बीडी अग्रवाल के पक्ष में ऐसी कई बातें हैं, जिनके आधार पर ऐसा कहना अनुचित नहीं है।
पिछली अशोक गहलोत सरकार ने श्रीगंगानगर में मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए बीडी अग्रवाल से दिनांक 14 जून 2013 को एमओयू किया था। यह एमओयू दिनांक 20 मार्च 2018 तक वैध था। दानदाता विभिन्न कारणों से मेडिकल कॉलेज का निर्माण शुरू नहीं करवा पाए। अग्रवाल ने कहा भाजपा नीत वसुंधरा सरकार ने राजनीतिक कारणों से अडंग़े लगाए। जिला प्रशासन ने भी कागजी कार्यवाही में बाधाएं उत्पन्न कीं। पहले एमओयू की अवधि पूरी होने के बाद उसकी अवधि बढ़ाने की बातें उठीं तो तत्कालीन राज्य मंत्री सुरेन्द्र पाल सिंह टीटी ने एक प्रेस कांफें्रस में कहा कि एमओयू की तिथि नहीं बढ़ाएगी सरकार। लेकिन इसी बीच बीडी अग्रवाल हाईकोर्ट चले गए। हाइकोर्ट ने अग्रवाल के पक्ष में कहा कि राज्य सरकार एमओयू की तारीख बढ़ाए। इस पर वसुंधरा सरकार ने 2021 तक एमओयू की अवधि बढ़ाई।
गत विधानसभा चुनाव 2018 दिसम्बर माह में अग्रवाल ने मीडिया के समक्ष कहा कि अब मेडिकल कॉलेज निर्माण में सरकार या प्रशासन की तरफ से कोई अड़चन नहीं है।
तब से अब तक कई संगठनों एवं जन प्रतिनिधियों ने मेडिकल कॉलेज निर्माण की मांग दोबारा बनी गहलोत सरकार के समक्ष रखी। जनता की मांग और स्थानीय विधायक राजकुमार गौड़ द्वारा विधानसभा में यह मुद्दा उठाने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बजट में फिर से श्रीगंगानगर में मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा की है।
इस बीच, बीडी अग्रवाल ने भी अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि निर्माण कार्य में जीएसटी माफ करने के लिए केन्द्र सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया। जिसकी वजह से निर्माण रुका है। करीब 45 करोड़ रुपए की जीएसटी लगनी है, जबकि यह जन उपयोगी सरकारी संस्थान है।
गहलोत की घोषणा के बाद आमजन यह सवाल उठा रहा है कि हाइकोर्ट के आदेशों को धत्ता बताकर मेडिकल कॉलेज का निर्माण कैसे किया जा सकता है। मेडिकल कॉलेज का एमओयू 2021 तक है। इसे सरकार खारिज नहीं कर सकती। अगर करती है तो बीडी अग्रवाल हाइकोर्ट की अवमानना में हाइकोर्ट जा सकते हैं। अब राज्य सरकार राजकीय चिकित्सालय क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज बना नहीं सकती, क्योंकि एमओयू इसी जगह का हुआ है। किसी नई जगह पर मेडिकल कॉलेज संभव नहीं है। क्योंकि इसके लिए निर्धारित संख्या के बैड का अस्पताल होना जरूरी है।
अदालती और व्यापारिक दावपेंच में माहिर बीडी अग्रवाल ने अपने पक्ष में इतने कागज पत्रों की फाइलें तैयार कर रखी हैं कि वे हाइकोर्ट में राज्य सरकार को चुनौती दे सकते हैं। अग्रवाल के लिए मेडिकल कॉलेज न केवल राजनैतिक तौर पर अहम मुद्दा है बल्कि पारिवारिक तौर पर भी प्रतिष्ठा का प्रश्र है, जिसे वे हरगिज नहीं छोडऩा चाहेंगे। तमाम परिस्थितियों में बीडी अग्रवाल जिस दिन ठान लेंगे, तभी बन सकता है मेडिकल कॉलेज। बशर्ते जो बाधाएं वे कहते हैं सरकार उनको दूर करे। कम से कम 2021 से पहले तो मेडिकल कॉलेज पर कुछ होता लग नहीं रहा।
अभी कुछ नहीं कह सकता
इस संबंध में दानदाता बीडी अग्रवाल का कहना है कि घोषणा के आंतरिक दस्तावेजों को देखे बिना, मैं कोई टिप्पणी नहीं देना चाहता।
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