मोबाइल सिग्नल के कारण हो सकती हैं विमान दुर्घटनाएं
नई दिल्ली। हवाई यात्रा के दौरान स्मार्टफोन इस्तेमाल न करने की सलाह दी जाती है। कई लोगों को यह बात बुरी भी लगती है। वहीं जल्द ही सरकार हवाई जहाज में वाई-फाई की सुविधा देने की बात कर रही है।
लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि आपका मोबाइल नेटवर्क (सिग्नल) विमान क्रैश का कारण बन सकता है। साल 2014 में अमेरिकी अधिकारियों ने अंदेशा जताया था कि मोबाइल सिग्नल और कुछ रेडियो सिग्नल के चलते विमान दुर्घटनाएं हो सकती हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक बोइंग 737 और बोइंग 777 जैसे विमान के लिए तो मोबाइल सिग्नल जानलेवा हैं। फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक अमेरिका में रजिस्टर्ड 1,300 से अधिक जेट विमाानों के कॉकपिट ऐसी स्क्रीन से लैस हैं, जो मौसम के रडार, वाई-फाई, मोबाइल फोन सिग्नल जैसी फ्रीक्वेंसी को पकड़ सकते हैं। वहीं अपने विमानों में ऐसी स्क्रीन का इस्तेमाल कर रहीं एयरलाइंस कंपनियों को आदेश दिया गया है कि वे नवंबर 2019 तक अपने विमान में लगी इस स्क्रीन को बदलें। बता दें कि इन स्क्रीन को हनीवेल इंटरनेशनल इंक ने तैयार किया है। फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन की रिपोर्ट के मुताबिक आज पूरी दुनिया में असुरक्षित राडार सिस्टम के साथ सैकड़ों विमान उड़ान भर रहे हैं।
लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि आपका मोबाइल नेटवर्क (सिग्नल) विमान क्रैश का कारण बन सकता है। साल 2014 में अमेरिकी अधिकारियों ने अंदेशा जताया था कि मोबाइल सिग्नल और कुछ रेडियो सिग्नल के चलते विमान दुर्घटनाएं हो सकती हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक बोइंग 737 और बोइंग 777 जैसे विमान के लिए तो मोबाइल सिग्नल जानलेवा हैं। फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक अमेरिका में रजिस्टर्ड 1,300 से अधिक जेट विमाानों के कॉकपिट ऐसी स्क्रीन से लैस हैं, जो मौसम के रडार, वाई-फाई, मोबाइल फोन सिग्नल जैसी फ्रीक्वेंसी को पकड़ सकते हैं। वहीं अपने विमानों में ऐसी स्क्रीन का इस्तेमाल कर रहीं एयरलाइंस कंपनियों को आदेश दिया गया है कि वे नवंबर 2019 तक अपने विमान में लगी इस स्क्रीन को बदलें। बता दें कि इन स्क्रीन को हनीवेल इंटरनेशनल इंक ने तैयार किया है। फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन की रिपोर्ट के मुताबिक आज पूरी दुनिया में असुरक्षित राडार सिस्टम के साथ सैकड़ों विमान उड़ान भर रहे हैं।
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