सूरतगढ़, अनूपगढ़, श्रीविजयनगर के लोगों को करना पड़ेगा लंबा इंतजार
- अभी प्रदेश में कोई नया जिला बनाने की तैयारी मेंं नहीं है सरकार
श्रीगंगानगर। सूरतगढ़, अनूपगढ़, श्रीविजयनगर आदि में से जल्द कोई नया जिला बनेगा, राज्य सरकार की ओर से विधानसभा में पूछे गए प्रश्न के उत्तर से तो ऐसा नहीं लगता। इन क्षेत्रों के लोगों को अपने जिले के लिए अभी लंबा इंतजार करना पड़ेगा।
प्रदेश में सूरतगढ़, अनूपगढ़, श्रीविजयनगर समेत कई स्थानों से नए जिलों के गठन की मांग लगातार उठ रही है, लेकिन फिलहाल नए जिलों के लिए सरकार तैयारी में नहीं है। राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने गुरुवार को राज्य विधानसभा में बताया है कि नवीन जिलों के गठन एवं पुनर्गठन समिति की रिपोर्ट अभी तक विभाग को प्राप्त नहीं हुई है. रिपोर्ट आने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट और गुणा व गुणन के आधार पर नवीन जिलों के निर्माण पर फैसला किया जाएगा.
यह मामला तब उठा, जब विधायक मदन प्रजापत ने बालोतरा को जिला बनाने के संबंध में प्रश्न लगाया. मदन प्रजापत ने अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान हुई यह मांग उठाई थी. इसके जवाब में राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि मेरी व्यक्तिगत राय कुछ भी हो सकती है, लेकिन मंत्री के रूप में मुझे नियमों के अनुसार ही काम करना पड़ेगा। चौधरी ने बताया कि समिति का गठन आदेश दिनांक 20.01.2014 के द्वारा किया गया था. उन्होंने बताया कि समिति के अध्यक्ष द्वारा वर्ष 2018 में सरकार को एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में नवीन जिला बनाने का प्रस्ताव राज्य सरकार के एक्टिव कंसीडरेशन में नहीं है. प्रशासनिक आवश्यकता एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर सक्षम स्तर पर विचार कर यथोचित निर्णय लिया जाएगा.
सूरतगढ़ को जिला बनाने की मांग सर्वाधिक पुरानी
श्रीगंगानगर जिले को विभाजित कर सूरतगढ़ को जिला बनाने की मांग सर्वाधिक पुरानी है। जब 1977 मेें बनी भैरो सिंह शेखावत सरकार ने जाते-जाते राज्य में हनुमानगढ़ समेत पांच नए जिले बनाने की घोषणा की तो सूरतगढ़ को भी जिला बनाने की मांग उठने लगी थी। 1994 में भैरोसिंह शेखावत सरकार ने हनुमानगढ़ को तो जिला बना दिया लेकिन सूरतगढ़ के लोग जिले से वंचित रह गए। इसके बाद सूरतगढ़ को जिला बनाने की मांग तो उठ ही रही है, अनूपगढ़, श्रीविजयनगर के लोग भी यह मांग उठा रहे हैं।
श्रीगंगानगर। सूरतगढ़, अनूपगढ़, श्रीविजयनगर आदि में से जल्द कोई नया जिला बनेगा, राज्य सरकार की ओर से विधानसभा में पूछे गए प्रश्न के उत्तर से तो ऐसा नहीं लगता। इन क्षेत्रों के लोगों को अपने जिले के लिए अभी लंबा इंतजार करना पड़ेगा।
प्रदेश में सूरतगढ़, अनूपगढ़, श्रीविजयनगर समेत कई स्थानों से नए जिलों के गठन की मांग लगातार उठ रही है, लेकिन फिलहाल नए जिलों के लिए सरकार तैयारी में नहीं है। राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने गुरुवार को राज्य विधानसभा में बताया है कि नवीन जिलों के गठन एवं पुनर्गठन समिति की रिपोर्ट अभी तक विभाग को प्राप्त नहीं हुई है. रिपोर्ट आने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट और गुणा व गुणन के आधार पर नवीन जिलों के निर्माण पर फैसला किया जाएगा.
यह मामला तब उठा, जब विधायक मदन प्रजापत ने बालोतरा को जिला बनाने के संबंध में प्रश्न लगाया. मदन प्रजापत ने अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान हुई यह मांग उठाई थी. इसके जवाब में राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि मेरी व्यक्तिगत राय कुछ भी हो सकती है, लेकिन मंत्री के रूप में मुझे नियमों के अनुसार ही काम करना पड़ेगा। चौधरी ने बताया कि समिति का गठन आदेश दिनांक 20.01.2014 के द्वारा किया गया था. उन्होंने बताया कि समिति के अध्यक्ष द्वारा वर्ष 2018 में सरकार को एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में नवीन जिला बनाने का प्रस्ताव राज्य सरकार के एक्टिव कंसीडरेशन में नहीं है. प्रशासनिक आवश्यकता एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर सक्षम स्तर पर विचार कर यथोचित निर्णय लिया जाएगा.
सूरतगढ़ को जिला बनाने की मांग सर्वाधिक पुरानी
श्रीगंगानगर जिले को विभाजित कर सूरतगढ़ को जिला बनाने की मांग सर्वाधिक पुरानी है। जब 1977 मेें बनी भैरो सिंह शेखावत सरकार ने जाते-जाते राज्य में हनुमानगढ़ समेत पांच नए जिले बनाने की घोषणा की तो सूरतगढ़ को भी जिला बनाने की मांग उठने लगी थी। 1994 में भैरोसिंह शेखावत सरकार ने हनुमानगढ़ को तो जिला बना दिया लेकिन सूरतगढ़ के लोग जिले से वंचित रह गए। इसके बाद सूरतगढ़ को जिला बनाने की मांग तो उठ ही रही है, अनूपगढ़, श्रीविजयनगर के लोग भी यह मांग उठा रहे हैं।
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