कई विशिष्ट नक्षत्रों व योगों के संयोग में आएगा भोलेनाथ की आराधना का महीना
- भीगने के लिए हो जाइए तैयार, सावन 17 जुलाई से
श्रीगंगानगर। रिमझिम बरखा से हर्षाने वाला और भगवान भोलेनाथ की आराधना का सावन महीना सत्रह जुलाई से शुरू हो रहा है। इस दिन सूर्य प्रधान उत्तराषाढ़ा नक्षत्र से सावन का आगाज होगा। सावन पूरे तीस दिन का होगा। सावन महीने में कई शुभ फलदायी योगों का संयोग भी बनेगा। सावन मास में खंड वर्षा के योग बन रहे हैं। कहीं कम तो कहीं ज्यादा वर्षा होगी।
पंडित सत्यपाल पाराशर ने बताया कि सावन की शुरुआत के अवसर पर उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में वज्र और विष कुंभ योग भी बनेगा। सावन मास में चार सोमवार 22 व 29 जुलाई तथा 5 व 11 अगस्त को पड़ेेंगे।
हरियाली अमावस पर
बनेगा पंच महायोग
पंडित पाराशर ने बताया कि हरियाली अमावस्या एक अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन पंच महायोग यानी सिद्धि योग, शुभ योग, गुरु कुस्या मृत योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और पांचवां अमृत सिद्धि योग का संयोग बनेगा। इस पंच महायोग के संयोग में जो लोग अपने कुल देवी और देवता तथा माता पार्वती की आराधना करेंगे, उनकी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
स्वतंत्रता दिवस के
दिन रक्षा बंधन
उन्होंने बताया कि स्वाधीनता दिवस के मौके पर पन्द्रह अगस्त को श्रवण नक्षत्र में रक्षा बंधन पर्व मनाया जाएगा। करीब दो दशक के बाद उपरांत स्वाधीनता दिवस के दिन रक्षा बंधन पर्व आ रहा है।
सोमवार को
नागपंचमी का संयोग
पंडित पाराशर ने बताया कि सावन मास में पांच अगस्त सोमवार को नागपंचमी का संयोग बनेगा। इस कारण नागपंचमी का महत्व अधिक हो गया है। इस दिन चंद्र प्रधान हस्त नक्षत्र और त्रियोग यानी सर्वार्थ सिद्धि योग, सिद्धि योग और रवि योगका संयोग भी खास होगा। जिन जातकों की कुंडली में काल सर्प दोष है, उसके निवारण के लिए इस दिन पूजा विशिष्ट फलदायी होगी।
श्रीगंगानगर। रिमझिम बरखा से हर्षाने वाला और भगवान भोलेनाथ की आराधना का सावन महीना सत्रह जुलाई से शुरू हो रहा है। इस दिन सूर्य प्रधान उत्तराषाढ़ा नक्षत्र से सावन का आगाज होगा। सावन पूरे तीस दिन का होगा। सावन महीने में कई शुभ फलदायी योगों का संयोग भी बनेगा। सावन मास में खंड वर्षा के योग बन रहे हैं। कहीं कम तो कहीं ज्यादा वर्षा होगी।
पंडित सत्यपाल पाराशर ने बताया कि सावन की शुरुआत के अवसर पर उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में वज्र और विष कुंभ योग भी बनेगा। सावन मास में चार सोमवार 22 व 29 जुलाई तथा 5 व 11 अगस्त को पड़ेेंगे।
हरियाली अमावस पर
बनेगा पंच महायोग
पंडित पाराशर ने बताया कि हरियाली अमावस्या एक अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन पंच महायोग यानी सिद्धि योग, शुभ योग, गुरु कुस्या मृत योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और पांचवां अमृत सिद्धि योग का संयोग बनेगा। इस पंच महायोग के संयोग में जो लोग अपने कुल देवी और देवता तथा माता पार्वती की आराधना करेंगे, उनकी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
स्वतंत्रता दिवस के
दिन रक्षा बंधन
उन्होंने बताया कि स्वाधीनता दिवस के मौके पर पन्द्रह अगस्त को श्रवण नक्षत्र में रक्षा बंधन पर्व मनाया जाएगा। करीब दो दशक के बाद उपरांत स्वाधीनता दिवस के दिन रक्षा बंधन पर्व आ रहा है।
सोमवार को
नागपंचमी का संयोग
पंडित पाराशर ने बताया कि सावन मास में पांच अगस्त सोमवार को नागपंचमी का संयोग बनेगा। इस कारण नागपंचमी का महत्व अधिक हो गया है। इस दिन चंद्र प्रधान हस्त नक्षत्र और त्रियोग यानी सर्वार्थ सिद्धि योग, सिद्धि योग और रवि योगका संयोग भी खास होगा। जिन जातकों की कुंडली में काल सर्प दोष है, उसके निवारण के लिए इस दिन पूजा विशिष्ट फलदायी होगी।
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