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शहरी निकायों के लिए आर्थिक हालात सुधारने के लिए कमेटी गठित

- नई नीलामी नीति से बहुरेंगे श्रीगंगानगर नगर परिषद के दिन
श्रीगंगानगर। राज्य सरकार ने प्रदेश के शहरी निकायों के आर्थिक हालात सुधारने के उद्देश्य से नई नीलामी नीति बनाने के लिए कवायद शुरू कर दी है। राज्य सरकार ने अधिकारियों की एक कमेटी का गठन कर दिया है। इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर नीलामी से जुड़ी प्रक्रिया और मौजूदा नियमों में भी बदलाव किया जाएगा. उम्मीद की जा रही है कि नई नीलामी नीति से श्रीगंगानगर नगर परिषद समेत तमाम स्थानीय निकायों के दिन बहुरेंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जयपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त टी.रविकांत  की अध्यक्षता में इस कमेटी का गठन किया गया है। स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक, यूडीएच के संयुक्त सचिव, स्वायत्त शासन विभाग के संयुक्त विधि परामर्शी कमेटी के सदस्य बनाए गए हैं। कमेटी में कोटा और अलवर नगर सुधार न्यासों के सचिवों को भी शामिल किया गया है
कमेटी को नीलामी नीति बनाने का जिम्मा सौंपा गया है। नई नीलामी नीति के तहत नीलामी प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाएगा। यह कमेटी एक सप्ताह में सरकार को नई नीलामी नीति का प्रारूप सौंपेगी. साथ ही कमेटी मौजूदा नियमों में संशोधन की भी सिफारिश करेगी.
निकायों में बनेगी नीलामी समिति
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस कवायद के तहत स्थानीय निकायों में नीलामी समिति का गठन किया जाएगा। न्यूनतम नीलामी दर निर्धारित करने के लिए मापदंड तय किए जाएंगे। न्यूनतम नीलामी दर के निर्धारण में क्षेत्र की डीएलसी दर के घटक को हटाया जाएगा। आरक्षित दर तय करने के लिए मौजूदा फार्मूले में बदलाव होगा। निकाय की नीलामी समिति को सफल बोली को लेकर निर्णय करने के लिए संपूर्ण अधिकार दिए जाएंग। सफल बोलीदाता को निर्धारित राशि जमा कराने के लिए वर्तमान से अधिक समय दिया जाएगा।
इसलिए पड़ी नीलामी नीति के लिए कमेटी की जरूरत
रियल एस्टेट में मंदी और नीलामी के अतार्किक नियमों के चलते निकायों की जमीनों की नीलामी नहीं हो पा रही है. पूरा राजस्व नहीं मिलने से निकाय शहरों के विकास पर राशि भी खर्च नहीं कर पा रहे हैं. इन सब हालातों को देखते हुए नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में जयपुर में स्वायत्त शासन विभाग, नगरीय विकास विभाग और विभिन्न नगर सुधार न्यासों के अधिकारियों की बैठक में फैसला किया गया कि नई नीलामी नीति बनाने के लिए अधिकारियों की एक कमेटी बनाई जाए।


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