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मलबे के वैज्ञानिक प्रबंधन के लिए सरकार ने बनाई नीति

- सार्वजनिक स्थानों पर मलबा फेंकने पर होगा भारी जुर्माना
- शहरों में स्थानीय निकाय और गांवों में पंचायतें वसूलेंगी मलबा उठाने के एवज में राशि, जुर्माने का अधिकार भी इन्हें ही
श्रीगंगानगर। शहरों और गांवों में निर्माण और तोडफ़ोड़ के मलबे के वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन के लिए राज्य सरकार ने नीति तैयार कर ली है। इस नीति के तहत मलबे के कलेक्शन से लेकर उसके डिस्पोजल तक के प्रावधान किए गए हैं। मलबा उठाने के लिए संबंधित निकाय व पंचायतीराज संस्था राशि वसूलेंगे और सार्वजनिक स्थानों पर मलबा फेंका तो भारी जुर्माना भी वसूला जाएगा।
नीति के प्रारूप पर संबंधित विभागों से सुझाव मांगे गए हैं। इन सुझावों के निस्तारण के लिए मुख्य सचिव के स्तर पर बैठकों के दौर होंगे। तब जाकर यह नीति फाइनल हो पाएगी और स्वायत्त शासन विभाग से अधिसूचना के माध्यम से इस नीति को लागू करेगा।
मलबा नीति में मलबा उठाने के लिए जिस राशि का प्रावधान किया गया है, उसके अनुसार 0.5 टन से लेकर 0.75 टन वजन पर नगर निगम क्षेत्र में 500 रुपये, नगर परिषद क्षेत्र में 300 और नगरपालिका में 200 रुपए लगेगा। 1.5 टन वजन पर नगर निगम क्षेत्र में 1000, नगर परिषद क्षेत्र में 750 और नगरपालिका में 500 रुपए लगेंगे। तीन टन तक वजन पर नगर निगम क्षेत्र में 2000, नगर परिषद क्षेत्र में 1500 और नगरपालिका में 1000 रुपए लगेंगे। छह टन तक वजन पर नगर निगम क्षेत्र में 4000,नगर परिषद क्षेत्र में 2500 और नगरपालिका में 1500 रुपए लगेंगे।
 80 वर्गमीटर से अधिक निर्माण की तोडफ़ोड़ पर नगर निगम क्षेत्र में 50 रुपए प्रति माह,  नगर परिषद क्षेत्र में 30 और नगरपालिका में 20 रुपए प्रतिमाह, 120 वर्गमीटर तक के निर्माण की तोडफ़ोड़ पर नगर निगम क्षेत्र में 100, नगर परिषद क्षेत्र में 75 और नगरपालिका में 50 रुपए प्रति माह लगेगा। 25 घनफीट तक के मलबे के लिए नगर निगम क्षेत्र में 50 रुपए, नगर परिषद क्षेत्र में 30 और नगरपालिका में 20 रुपए प्रतिमाह लगेगा। इससे अधिक होने पर 2 रुपए प्रति घन फीट अतिरिक्त शुल्क लगेगा। मलबा उठाने के शुल्क के अलावा संबंधित व्यक्ति या फर्म को यूजर चार्ज भी देना होगा। नगर निगम क्षेत्र में यह यूजर चार्ज 350,नगर परिषद क्षेत्र में 250 और नगरपालिका क्षेत्र में 150 रुपए होगा।
प्रस्तावित नीति के मुताबिक मलबे को सड़क, पार्क, नदी-नाले व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर डालने पर निकाय/पंचायतीराज संस्था की ओर से जुर्माना भी लगाया जाएगा। यहीं नहीं मलबे का अलग-अलग मैटेरियल में पृथक्करण नहीं करने पर भी जुर्माना वसूला जाएगा। यह जुर्माना प्रदेश में लागू ठोस कचरा प्रबंधन नियमों के तहत ही प्रस्तावित किया गया है। आपको बताते हैं कि नीति के तहत मलबा इधर-उधर डालने के लिए क्या जुर्माना प्रस्तावित किया गया है।
कहां लगेगा कितना जुर्माना
प्रस्तावित नीति के अनुसार आवासीय, रिटेल व अन्य छोटी इकाइयों ने मलबे का पृथक्करण नहीं किया तो उन पर जुर्माना लगेगा। नगर निगम क्षेत्र में 500, नगर परिषद क्षेत्र में 300 और नगरपालिका क्षेत्र में 200 रुपए जुर्माना लगेगा। कचरे में मलबा मिक्स करने पर 500 रुपए से लेकर 1000 रुपए, मकान के सामने, पार्क व सार्वजनिक स्थान पर मलबा डालने पर 200 से लेकर 500 रुपए, नदी, नाले, नहर या सड़क पर मलबा डालने पर नगर निगम क्षेत्र में 25000, नगर परिषद में 15000 और नपा क्षेत्र में 10000 रुपए जुर्माना लगेगा। सरकारी ठेकेदार ने मौके से मलबा नहीं हटाया तो निगम क्षेत्र में 5000, नगर परिषद क्षेत्र में 3000 और नपा क्षेत्र में 200 रुपए जुर्माना लगेगा।


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