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कॉटन के नाम पर 660 करोड़ के जीएसटी फर्जीवाड़े का पर्दाफाश

- जीएसटी इंटेलीजेंस ने दिल्ली में की कार्रवाई
हिसार। डीजीजीएसटी इंटेलीजेंस टीम ने हरियाणा में अब तक के सबसे बड़े जीएसटी फ्रॉड करने वाले रैकेट का पर्दाफाश किया है। इंटेलीजेंस टीम ने मास्टर माइंड सिरसा वासी अनुपम सिंगला को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। इंटेलीजेंस की जांच के मुताबिक अनुपम ने प्रदेश में 7672 करोड़ रुपए के फर्जी इनवॉइस यानी बिल जारी करके 660 करोड़ रुपए का जीएसटी का फ्रॉड किया है। इन फर्जी बिलों के जरिए इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल किया। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस के जॉइंट डायरेक्टर नीरंजन सीसी के नेतृत्व में हुई इस कार्रवाई में 32.60 करोड़ रुपए की रिकवरी कर ली गई है।
इस फर्म संचालक ने हरियाणा के एक दो जिलों को छोड़ दिया जाए तो हिसार, सिरसा, पानीपत, रोहतक, गुरुग्राम आदि जिलों में कोई ऐसा जिला नहीं है जहां इसने फर्जी फर्म न बनाई हो। इतना बड़ा जीएसटी फ्रॉड करने के लिए संचालक 90 फर्मों को अलग-अलग नाम से चलाता था। जिनके नाम से करोड़ों रुपए के बिल काटकर इनपुट टैक्स के्रडिट लिया जाता रहा।
24 दिसंबर 2018 को फतेहाबाद में अनुपम सिंगला की फर्म मनीष कॉटन इंडस्ट्री पर सेल टैक्स के डीईटीसी वीके शास्त्री ने रेड कर एफआईआर दर्ज कराई थी। तब से लेकर अभी तक अनुपम फरार चल रहा था। मगर जीएसटी इंटेलीजेंस की टीम जांच में जुट गईं। यह संचालक सिरसा का रहने वाला था तो दिल्ली के बारे में पता चला। जहां कार्रवाई की गई।
अनुपम के दिल्ली स्थित आवास से 110 डेबिट और के्रडिट कार्ड, बैंकों के 173 खाते, कई ट्रांसपोर्टरों से जुड़ी खाली बिल्टी बुक, ब्लैंक साइन की चेकबुक, सिम कार्ड व पहचान पत्र मिले। बोगस फर्मों ने स्थापित कॉटन स्पिनिंग मिलों को जारी किए गए बोगस बिलों के जरिए आउटवर्ड टैक्स लाइविलटी मिलों को स्थानांतरित किया, जिससे उन मिलों को सरकार के खजाने में बिना टैक्स जमा कराए ही इनपुट टैक्स केडिट की हकदारी मिल गई। सारा खेल कागजों में चलता है। किसी ने माल खरीदा और विक्रेता को टैक्स दिया। यह खरीदार किसी को माल लाभ जोड़कर बेचता है तो उस लाभ पर तो टैक्स दे देता है, मगर जो माल की मूल राशि होती है, उस पर टैक्स नहीं देता।


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