चन्द्रग्रहण का सूतक 4.37 बजे से, बंद हो जाएंगे मंदिरों के कपाट
- श्रीगंगानगर मेंं 2 घंटे 55 मिनट रहेगी ग्रहण की अवधि
श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर में चन्द्रग्रहण का सूतक आज शाम से लग जाएगा। शास्त्रों के अनुसार चंद्रग्रहण का सूतक नौ घंटे पहले और सूर्यग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले लगता है। ऐसे में आज सोलह जुलाई को शाम 4 बजकर 37 मिनट से सूतक शुरू होगा। जो 17 जुलाई को तड़के 4.42 मिनट पर खत्म होगा।
पंडित सत्यपाल पाराशर ने बताया कि गुरु पूर्णिमा के मौके पर श्रीगंगानगर में 16-17 जुलाई की रात को चंद्रग्रहण 1.37 बजे आरंभ होगा और तड़के 4.32 बजे तक रहेगा। ग्रहण की अवधि 2 घंटे 55 मिनट रहेगी।
उन्होंने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूतक के समय को अशुभ मूहुर्त माना जाता है। सूतक और ग्रहण समाप्ति के बाद धर्म स्थलों को पवित्र किया जाता है। चंद्र ग्रहण के सूतक काल में मंदिर के पट बंद कर दिए जाते हैं। इस दौरान पूजा पाठ करना अशुभ माना जाता है।
इन राशियों के जातकों के लिए चन्द्रग्रहण लाभकारी
पंडित पाराशर ने बताया कि इस साल का पहला चंद्रग्रहण 21 जनवरी को था, जो भारत में नजर नहीं आया। अब इस साल का दूसरा चन्द्रग्रहण लगने जा रहा है, जिसे हम देख सकेंगे। मेष, वृष, कन्या, वृश्चिक, धनु व मकर राशि के राजनीति से जुड़े जातकों को इस चन्द्रग्रहण के प्रभाव से विशेष लाभ होने के आसार हैं। यह चंद्रग्रहण मंगलवार और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में आ रहा है तो जहां इसके प्रभाव से राजनीतिक उथल-पुथल की संभावना रहेगी, वहीं प्राकृतिक आपदाओं का भी अंदेशा रहेगा।
ग्रहण के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
पंडित पाराशर ने बताया कि सूतक के दौरान बुजुर्ग, बालक और अस्वस्थ लोगों के अलावा किसी को भी भोजन नहीं करना चाहिए। गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण के समय घर के अंदर ही रहना चाहिए। किसी भी प्रकार के शुभ कार्य दिन करना उचित नहीं माना जाता है। उन्होंने बताया कि चन्द्रग्रहण के दिन मन में दुर्विचारों को नहीं पनपने देना चाहिए। ब्रह्मचर्य का पालन करना और अपने आराध्य देव का ध्यान लगाना चाहिए। जिन जातकों की कुंडली में मांगलिक दोष है उन्हेंं चंद्रग्रहण के दिन सुंदरकांड का पाठ करने से सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।
उन्होंने बताया कि ग्रहण के मौके पर आटा, चावल, चीनी, सफेद कपड़े, साबूत उड़द, सतनाजा, काला तिल और काले कपड़े किसी जरूरतमंद को दान करना शुभ रहता है।
श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर में चन्द्रग्रहण का सूतक आज शाम से लग जाएगा। शास्त्रों के अनुसार चंद्रग्रहण का सूतक नौ घंटे पहले और सूर्यग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले लगता है। ऐसे में आज सोलह जुलाई को शाम 4 बजकर 37 मिनट से सूतक शुरू होगा। जो 17 जुलाई को तड़के 4.42 मिनट पर खत्म होगा।
पंडित सत्यपाल पाराशर ने बताया कि गुरु पूर्णिमा के मौके पर श्रीगंगानगर में 16-17 जुलाई की रात को चंद्रग्रहण 1.37 बजे आरंभ होगा और तड़के 4.32 बजे तक रहेगा। ग्रहण की अवधि 2 घंटे 55 मिनट रहेगी।
उन्होंने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूतक के समय को अशुभ मूहुर्त माना जाता है। सूतक और ग्रहण समाप्ति के बाद धर्म स्थलों को पवित्र किया जाता है। चंद्र ग्रहण के सूतक काल में मंदिर के पट बंद कर दिए जाते हैं। इस दौरान पूजा पाठ करना अशुभ माना जाता है।
इन राशियों के जातकों के लिए चन्द्रग्रहण लाभकारी
पंडित पाराशर ने बताया कि इस साल का पहला चंद्रग्रहण 21 जनवरी को था, जो भारत में नजर नहीं आया। अब इस साल का दूसरा चन्द्रग्रहण लगने जा रहा है, जिसे हम देख सकेंगे। मेष, वृष, कन्या, वृश्चिक, धनु व मकर राशि के राजनीति से जुड़े जातकों को इस चन्द्रग्रहण के प्रभाव से विशेष लाभ होने के आसार हैं। यह चंद्रग्रहण मंगलवार और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में आ रहा है तो जहां इसके प्रभाव से राजनीतिक उथल-पुथल की संभावना रहेगी, वहीं प्राकृतिक आपदाओं का भी अंदेशा रहेगा।
ग्रहण के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
पंडित पाराशर ने बताया कि सूतक के दौरान बुजुर्ग, बालक और अस्वस्थ लोगों के अलावा किसी को भी भोजन नहीं करना चाहिए। गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण के समय घर के अंदर ही रहना चाहिए। किसी भी प्रकार के शुभ कार्य दिन करना उचित नहीं माना जाता है। उन्होंने बताया कि चन्द्रग्रहण के दिन मन में दुर्विचारों को नहीं पनपने देना चाहिए। ब्रह्मचर्य का पालन करना और अपने आराध्य देव का ध्यान लगाना चाहिए। जिन जातकों की कुंडली में मांगलिक दोष है उन्हेंं चंद्रग्रहण के दिन सुंदरकांड का पाठ करने से सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।
उन्होंने बताया कि ग्रहण के मौके पर आटा, चावल, चीनी, सफेद कपड़े, साबूत उड़द, सतनाजा, काला तिल और काले कपड़े किसी जरूरतमंद को दान करना शुभ रहता है।
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