ऐसा आटा जिससे बनी रोटियां देंगी ज्यादा स्वाद और हैल्थ
'मेघराज-पैलियो गेहूँ, से निर्मित आटे की लाँचिंग कल
श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर से एक ऐसे आटे की लाँचिंग कल रविवार को होने जा रही है, जो अब तक मार्केट में उपलब्ध आटा से बेहतर होगा। इससे बनी रोटियां ज्यादा स्वादिष्ट और स्वास्थ्य वर्धक होगी। इस आटे पर पिछले करीब एक साल से काम हो रहा है। गृहणियों, सेफ इसका उपयोग कर इसकी क्वालिटी पर मोहर लगा चुके हैं।
विकास डब्ल्यू एसपी लिमिटेड द्वारा भारत में पहली बार नेब्रासका विश्वविद्यालय अमेरिका की 'मेघराज-पैलियो गेहूँ, से निर्मित ओजोनाईज्ड आटा बाजार में उतारा गया है। राजस्थान के रेगिस्तान में 100 दिनों से अधिक सूर्य की रोशनी से परिपक्व 'मेघराज-पैलियो गेहूँ, से निर्मित इस आटे की लांचिंग कल 5 मई रविवार शाम 7 बजे विकास डब्ल्यू एसपी लिमिटेड प्रांगण उद्योग विहार रीको में की जाएगी।
विकास डब्ल्यूएसपी लिमिटेड के सीएमडी बी.डी. अग्रवाल ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में 'मेघराज-पैलियो गेहूँ, से निर्मित आटे की खूबियों के बारे में बताया। अग्रवाल ने बताया कि 'मेघराज-पैलियो गेहूँ, से निर्मित ओजोनाइज्ड आटा अधिक पानी सोखता है जिससे इस आटे से बनी रोटिया लंबे समय तक ताजा और मुलायम रहती हैं।
उन्होंने बताया कि 'मेघराज-पैलियो गेहूँ, का आटा अमेरीका की नेब्रासका युनिवर्सिटी की शोध के अनुसार उस युनिवर्सिटी की प्रो. एण्ड्रीया बिनांकनै ह्यूब्र तथा प्रो. जैन्ने स्ट्राटन के सानिध्य में विकास डब्ल्यूएसपी लिमिटेड कम्पनी के डॉ. संजय पारीक द्वारा विकसित किया गया है। जो गेहूं को गर्म पानी से धोने के बाद 231.1 डीग्री सेन्टिग्रेट तापमान की अतितापित वाष्प (सुपर हीटेड स्टीम) से पूर्णतया स्वच्छ और जीवाणु-रहित करने के बाद केहूं को माईनस 18डीग्री सेन्टिग्रेट के तापमान पर ठिठुरा (फ्रीज) दिया जाता है जिससे गेहूं के प्रतिरोधी स्टार्च में प्राकृति रूप से बढ़ोतरी हो जाती है। जिससे परिणामी आटे में फाईबर की मात्रा में काफी इजाफा हो जाता है। इस प्रक्रिया के परिणाम स्वरूप कब्ज जैसी बीमारियों से मनुष्य को राहत मिलती है। इस सम्पूर्ण फाईबर को आटे के अन्दर सुरक्षित रखते हुए उत्पादन प्रक्रिया का समापन किया जाता है। इस प्रकार का आटा अमेरीका में पिछले 16 वर्षों से फूड एण्ड ड्रग एडमीनीस्ट्रेशन (यू.एस.ए.) द्वारा अनुमोदित करने के बाद प्रयोग में है परन्तु हमारे देश में पहली बार इस किस्म का उत्तम श्रेणी का स्वच्छ आटा स्थानीय जनता को वाणिज्यिक स्तर पर उपलब्ध करवाया जायेगा जिससे बढ़ती भोज्य-जनक बिमारियां नियन्त्रित होंगी।
बीडी अग्रवाल ने बताया कि कम्पनी की और से इस आटे के लिए 7 प्रतिशत लोगों को ट्रैक किया जा रहा है। कम्पनी की उत्पादन क्षमता 100 टन से 10 हजार टन तक की है। पिछले तीन दिन में 4 टन आटा बेचा जा चुका है। मांग के अनुसार उत्पादन क्षमता बढ़ाई जा सकती है।
श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर से एक ऐसे आटे की लाँचिंग कल रविवार को होने जा रही है, जो अब तक मार्केट में उपलब्ध आटा से बेहतर होगा। इससे बनी रोटियां ज्यादा स्वादिष्ट और स्वास्थ्य वर्धक होगी। इस आटे पर पिछले करीब एक साल से काम हो रहा है। गृहणियों, सेफ इसका उपयोग कर इसकी क्वालिटी पर मोहर लगा चुके हैं।
विकास डब्ल्यू एसपी लिमिटेड द्वारा भारत में पहली बार नेब्रासका विश्वविद्यालय अमेरिका की 'मेघराज-पैलियो गेहूँ, से निर्मित ओजोनाईज्ड आटा बाजार में उतारा गया है। राजस्थान के रेगिस्तान में 100 दिनों से अधिक सूर्य की रोशनी से परिपक्व 'मेघराज-पैलियो गेहूँ, से निर्मित इस आटे की लांचिंग कल 5 मई रविवार शाम 7 बजे विकास डब्ल्यू एसपी लिमिटेड प्रांगण उद्योग विहार रीको में की जाएगी।
विकास डब्ल्यूएसपी लिमिटेड के सीएमडी बी.डी. अग्रवाल ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में 'मेघराज-पैलियो गेहूँ, से निर्मित आटे की खूबियों के बारे में बताया। अग्रवाल ने बताया कि 'मेघराज-पैलियो गेहूँ, से निर्मित ओजोनाइज्ड आटा अधिक पानी सोखता है जिससे इस आटे से बनी रोटिया लंबे समय तक ताजा और मुलायम रहती हैं।
उन्होंने बताया कि 'मेघराज-पैलियो गेहूँ, का आटा अमेरीका की नेब्रासका युनिवर्सिटी की शोध के अनुसार उस युनिवर्सिटी की प्रो. एण्ड्रीया बिनांकनै ह्यूब्र तथा प्रो. जैन्ने स्ट्राटन के सानिध्य में विकास डब्ल्यूएसपी लिमिटेड कम्पनी के डॉ. संजय पारीक द्वारा विकसित किया गया है। जो गेहूं को गर्म पानी से धोने के बाद 231.1 डीग्री सेन्टिग्रेट तापमान की अतितापित वाष्प (सुपर हीटेड स्टीम) से पूर्णतया स्वच्छ और जीवाणु-रहित करने के बाद केहूं को माईनस 18डीग्री सेन्टिग्रेट के तापमान पर ठिठुरा (फ्रीज) दिया जाता है जिससे गेहूं के प्रतिरोधी स्टार्च में प्राकृति रूप से बढ़ोतरी हो जाती है। जिससे परिणामी आटे में फाईबर की मात्रा में काफी इजाफा हो जाता है। इस प्रक्रिया के परिणाम स्वरूप कब्ज जैसी बीमारियों से मनुष्य को राहत मिलती है। इस सम्पूर्ण फाईबर को आटे के अन्दर सुरक्षित रखते हुए उत्पादन प्रक्रिया का समापन किया जाता है। इस प्रकार का आटा अमेरीका में पिछले 16 वर्षों से फूड एण्ड ड्रग एडमीनीस्ट्रेशन (यू.एस.ए.) द्वारा अनुमोदित करने के बाद प्रयोग में है परन्तु हमारे देश में पहली बार इस किस्म का उत्तम श्रेणी का स्वच्छ आटा स्थानीय जनता को वाणिज्यिक स्तर पर उपलब्ध करवाया जायेगा जिससे बढ़ती भोज्य-जनक बिमारियां नियन्त्रित होंगी।
बीडी अग्रवाल ने बताया कि कम्पनी की और से इस आटे के लिए 7 प्रतिशत लोगों को ट्रैक किया जा रहा है। कम्पनी की उत्पादन क्षमता 100 टन से 10 हजार टन तक की है। पिछले तीन दिन में 4 टन आटा बेचा जा चुका है। मांग के अनुसार उत्पादन क्षमता बढ़ाई जा सकती है।
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