नहीं सुधरी जिला चिकित्सालय की सफाई व्यवस्था
- रोगियोंं के साथ-साथ स्टाफ भी है परेशान
श्रीगंगानगर। राजकीय जिला चिकित्सालय की सफाई व्यवस्था में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ है। सफाई ठेका बदलने के बावजूद सफाई व्यवस्था में बदलाव नजर नहीं आ रहा है। सुधार के लिए किए जा रहे चिकित्सालय प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयास भी सफल नहीं हो रहे हैं। इससे रोगियोंं के साथ-साथ स्टाफ भी परेशान हो रहा है। पूर्व ठेकेदार द्वारा सफाई व्यवस्था में लापरवाही बरतने पर चिकित्सालय प्रबंधन ने नया ठेका किया था। इसमें ठेके की नई शर्तंे जोड़ते हुए पर्याप्त सुधार के लिए प्रयास किए गए थे, लेकिन नया ठेका होने के बावजूद अभी तक जिला चिकित्सालय की सफाई व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ है। ओपीडी के साथ-साथ कई वार्डांे में गदंगी है। डस्टबिन खाली नहीं होते। मेडिकल बायोवेस्ट का निस्तारण भी नियमानुसार नहीं हो रहा। इससे जहां ओर एक रोगी, उनके परिजन परेशान हो रहे हैं, वहीं स्टाफ को भी दिक्कत उठानी पड़ रही है। पिछले दिनों चिकित्सा अधिकारियों ने औचक निरीक्षण में भी ऐसे हालात देखे थे। इस पर सफाई ठेकेदार को सुधार के लिए पाबंद किया गया, परन्तु इसके बावजूद सुधार नहीं हुआ है।
श्रीगंगानगर। राजकीय जिला चिकित्सालय की सफाई व्यवस्था में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ है। सफाई ठेका बदलने के बावजूद सफाई व्यवस्था में बदलाव नजर नहीं आ रहा है। सुधार के लिए किए जा रहे चिकित्सालय प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयास भी सफल नहीं हो रहे हैं। इससे रोगियोंं के साथ-साथ स्टाफ भी परेशान हो रहा है। पूर्व ठेकेदार द्वारा सफाई व्यवस्था में लापरवाही बरतने पर चिकित्सालय प्रबंधन ने नया ठेका किया था। इसमें ठेके की नई शर्तंे जोड़ते हुए पर्याप्त सुधार के लिए प्रयास किए गए थे, लेकिन नया ठेका होने के बावजूद अभी तक जिला चिकित्सालय की सफाई व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ है। ओपीडी के साथ-साथ कई वार्डांे में गदंगी है। डस्टबिन खाली नहीं होते। मेडिकल बायोवेस्ट का निस्तारण भी नियमानुसार नहीं हो रहा। इससे जहां ओर एक रोगी, उनके परिजन परेशान हो रहे हैं, वहीं स्टाफ को भी दिक्कत उठानी पड़ रही है। पिछले दिनों चिकित्सा अधिकारियों ने औचक निरीक्षण में भी ऐसे हालात देखे थे। इस पर सफाई ठेकेदार को सुधार के लिए पाबंद किया गया, परन्तु इसके बावजूद सुधार नहीं हुआ है।
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