वीवीपैट पर 21 विपक्षी दलों की याचिका स्ष्ट में खारिज
-सीजेआई बोले- एक मामला बार-बार क्यों सुनें
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपैट पर 21 विपक्षी दलों की याचिका खारिज कर दी है. बता दें 21 विपक्षी दलों ने पहले तीन चरणों के मतदान के दौरान सामने आए ईवीएम में गड़बड़ी के मामलों का हवाला देते हुए 50त्न वीवीपैट पर्चियां गिनने के लिए पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी. याचिका को खारिज करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि अदालत इस मामले को बार-बार क्यों सुने. ष्टछ्वढ्ढ ने कहा कि वह इस मामले में दखलअंदाजी नहीं करना चाहते हैं. विपक्षी दलों की याचिका में कहा गया था कि कई मामलों में देखा गया है कि वोटर किसी अन्य पार्टी को वोट देता है और उसका वोट किसी दूसरी पार्टी के लिए रिकॉर्ड हो रहा है. 8 अप्रैल को दिए निर्देश में अदालत में ने कहा था कि हर विधानसभा क्षेत्र में एक की बजाए 5 श्वङ्करू- ङ्कङ्कक्क्रञ्ज का औचक मिलान होगा. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने कहा था, 'हर विधानसभा में श्वङ्करू- ङ्कङ्कक्क्रञ्ज मिलान की संख्या इसलिए बढ़ाई गई है ताकि सटीकता बढ़े, चुनावी प्रक्रिया सही हो और न सिर्फ राजनीतिक दल बल्कि मतदाता भी इससे संतुष्ट हो.Ó विपक्षी दलों की मांग पर चुनाव आयोग ने कहा था कि इससे परिणाम 5-6 दिन की देरी से आएंगे. 8 अप्रैल को पीठ ने अपने निर्देश में कहा था- 'वर्तमान निर्देश से परिणाम की घोषणा में बहुत देरी नहीं होनी चाहिए
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपैट पर 21 विपक्षी दलों की याचिका खारिज कर दी है. बता दें 21 विपक्षी दलों ने पहले तीन चरणों के मतदान के दौरान सामने आए ईवीएम में गड़बड़ी के मामलों का हवाला देते हुए 50त्न वीवीपैट पर्चियां गिनने के लिए पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी. याचिका को खारिज करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि अदालत इस मामले को बार-बार क्यों सुने. ष्टछ्वढ्ढ ने कहा कि वह इस मामले में दखलअंदाजी नहीं करना चाहते हैं. विपक्षी दलों की याचिका में कहा गया था कि कई मामलों में देखा गया है कि वोटर किसी अन्य पार्टी को वोट देता है और उसका वोट किसी दूसरी पार्टी के लिए रिकॉर्ड हो रहा है. 8 अप्रैल को दिए निर्देश में अदालत में ने कहा था कि हर विधानसभा क्षेत्र में एक की बजाए 5 श्वङ्करू- ङ्कङ्कक्क्रञ्ज का औचक मिलान होगा. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने कहा था, 'हर विधानसभा में श्वङ्करू- ङ्कङ्कक्क्रञ्ज मिलान की संख्या इसलिए बढ़ाई गई है ताकि सटीकता बढ़े, चुनावी प्रक्रिया सही हो और न सिर्फ राजनीतिक दल बल्कि मतदाता भी इससे संतुष्ट हो.Ó विपक्षी दलों की मांग पर चुनाव आयोग ने कहा था कि इससे परिणाम 5-6 दिन की देरी से आएंगे. 8 अप्रैल को पीठ ने अपने निर्देश में कहा था- 'वर्तमान निर्देश से परिणाम की घोषणा में बहुत देरी नहीं होनी चाहिए
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