परियोजना निदेशक ने किया सरकारी अस्पताल का औचक निरीक्षण
- बाहर की दवाई लिखने वाले डॉक्टरों पर होगी कार्रवाई
रायसिंहनगर। स्वास्थ्य विभाग के परियोजना निदेशक डॉ. रोमिल सिंह ने सरकारी अस्पताल का निरीक्षण किया। बाद में अस्पताल की व्यवस्थाओं मेें सुधार को लेकर अधिकारियों से चर्चा की।
उन्होंने अस्पताल में समुचित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश देते हुए कहा कि मरीजों को नि:शुल्क दवा योजना का पूरा लाभ मिले। बाहर से दवाइयां लिखने के मामले में डॉ. सिंह ने अस्पताल प्रभारी को निर्देश दिये कि भविष्य में इसकी शिकायत आने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल में दवा वितरण केंद्र खोले जाने, पर्ची काउंटर पर ऑपरेटर रखने और 3 दिनों में अस्पताल में सीसी टीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. संजीव कुलहरी व स्टाफ के बीच विवाद पर भी चर्चा की गई। निरीक्षण के दौरान डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि डॉ. संजीव कुलहरी मरीजों से बाहर से दवाई मंगवाते हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि नि:शुल्क दवा योजना के साथ जननी शिशु सुरक्षा योजना के अंतर्गत मरीज को किसी भी प्रकार की बाहर से दवाई लाने के लिए बाध्य ना किया जाये। राज्य सरकार द्वारा अस्पताल प्रशासन को पूरा बजट दिया गया है। इसमें नवजात बच्चे व प्रसूता के लिए कितनी भी राशि की दवाई खरीदी जा सकती है।
रायसिंहनगर। स्वास्थ्य विभाग के परियोजना निदेशक डॉ. रोमिल सिंह ने सरकारी अस्पताल का निरीक्षण किया। बाद में अस्पताल की व्यवस्थाओं मेें सुधार को लेकर अधिकारियों से चर्चा की।
उन्होंने अस्पताल में समुचित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश देते हुए कहा कि मरीजों को नि:शुल्क दवा योजना का पूरा लाभ मिले। बाहर से दवाइयां लिखने के मामले में डॉ. सिंह ने अस्पताल प्रभारी को निर्देश दिये कि भविष्य में इसकी शिकायत आने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल में दवा वितरण केंद्र खोले जाने, पर्ची काउंटर पर ऑपरेटर रखने और 3 दिनों में अस्पताल में सीसी टीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. संजीव कुलहरी व स्टाफ के बीच विवाद पर भी चर्चा की गई। निरीक्षण के दौरान डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि डॉ. संजीव कुलहरी मरीजों से बाहर से दवाई मंगवाते हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि नि:शुल्क दवा योजना के साथ जननी शिशु सुरक्षा योजना के अंतर्गत मरीज को किसी भी प्रकार की बाहर से दवाई लाने के लिए बाध्य ना किया जाये। राज्य सरकार द्वारा अस्पताल प्रशासन को पूरा बजट दिया गया है। इसमें नवजात बच्चे व प्रसूता के लिए कितनी भी राशि की दवाई खरीदी जा सकती है।
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